योगी सरकार द्वारा 4 साल में गन्ने की कीमत ना बढ़ाना भाजपा सरकार के ताबूत में आखिरी कील साबित होगा- भगत सिंह वर्मा
आज यहां इंद्रप्रस्थ कॉलोनी में पश्चिम प्रदेश मुक्ति मोर्चा कार्यालय पर किसानों की बैठक को संबोधित करते हुए पश्चिम प्रदेश मुक्ति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भगत सिंह वर्मा ने कहा कि गन्ना सीजन चलते 4 महीने बाद गन्ना किसानों को आशा थी कि उत्तर प्रदेश सरकार गन्ने का रेट कम से कम हरियाणा के बराबर ₹350 कुंटल तो घोषित करेगी. लेकिन भाजपा की योगी सरकार ने इस वर्ष भी गन्ने का रेट ने बढ़ाकर गन्ना किसान विरोधी होने का परिचय दिया है.
उन्होंने कहा कि भाजपा की प्रदेश और केंद्र सरकार किसान विरोधी है. पूंजीपतियों कारपोरेट घरानों और चीनी मिल मालिकों के दबाव में है. इस वर्ष गन्ने के उत्पादन पर सबसे अधिक लागत आई है एक कुंतल गन्ने की पैदावार पर ₹440 कुंटल खर्च आता है. महान कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर एम एस स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार सभी खर्च जोड़कर उस पर 50% लाभ देकर गन्ने का लाभकारी रेट ₹660 कुंटल घोषित होना चाहिए था लेकिन हम तो मात्र ₹600 कुंटल की मांग कर रहे हैं जो सही व जायज है। भगत सिंह वर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार चीनी मिलों से समय से गन्ने का भुगतान किसानों को नहीं दिला पा रही है और ना ही गन्ना किसानों को चीनी मिलों से ब्याज दिला जा रहा है जो सरासर गन्ना किसानों के साथ भारी अन्याय है। सरकार द्वारा इस बार गन्ने का रेट ने बढ़ाना सरकार को बहुत भारी पड़ेगा परदेश का किसान जाग चुका है।
भाजपा की योगी सरकार पर देश के अन्नदाता गन्ना किसानों को कोई के भी दाम नहीं दिला पा रही है एक कुंतल गन्ने से चीनी मिलों में जहां पहले 10 किलोग्राम चीनी बनती थी आज 13 किलोग्राम से अधिक चीनी बन रही है और साडे 4 किलो ग्राम शीरा बन रहा है यह शीरा नहीं हीरा है। साडे 4 किलो ग्राम सिरे से एक लीटर अल्कोहल बनता है जब यह 1 लीटर एल्कोहल देसी शराब में यूज होता है तो उत्तर प्रदेश सरकार को नकद ₹700 टैक्स मिल जाता है और जब यह एक लीटर अल्कोहल अंग्रेजी शराब में प्रयोग होता है तो उत्तर प्रदेश सरकार को ₹1000 से लेकर ₹3000 तक टैक्स प्रदेश सरकार के खाते में चला जाता है इसके बावजूद भी गरीब मेहनतकश अन्नदाता कर्जबंद गन्ना किसान को गन्ने का लाभकारी रेट ₹600 कुंटल नकद क्यों नहीं मिलना चाहिए। राष्ट्रीय अध्यक्ष भगत सिंह वर्मा ने कहा कि उत्तर प्रदेश के 120 चीनी मिलों पर इस वर्ष का गन्ना भुगतान 12000 करोड रुपए बकाया हो चुका है और पिछले वर्षों में देरी से किए गए गन्ना भुगतान पर लगा ब्याज 8000 करोड रुपए बकाया है योगी जी जवाब दें ई गन्ना भुगतान व ब्याज गन्ना किसानों को कब मिलेगा।
भगत सिंह वर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी व मुख्यमंत्री योगी जी देश के अन्नदाता किसानों की समस्याओं के लिए गंभीर नहीं है उन्हें तो केवल देश के चंद कारपोरेट घरानों की चिंता है जो किसानों के साथ साथ देश के लिए भी खतरा है। प्रधानमंत्री जी तीन कृषि काले कानूनों को वापस नहीं करना चाहते। देश और किसान हित में डॉक्टर एम एस स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू नहीं करना चाहते। गन्ने का लाभकारी रेट ₹600 कुंटल गन्ना किसानों को नहीं दिलाना चाहते गन्ने का ब्याज में भुगतान नहीं करना चाहते डीजल पेट्रोल व गैस के दाम रोजाना बढ़ाए जा रहे हैं किसानों व आम जनता पर बिजली के भारी रेट बढ़ा दिए गए हैं देश का बजट 3483236 करोड रुपए को देश के नेता उद्योगपति वह बड़े अधिकारी लूट ले जाएंगे यह कैसे चौकीदार हैं जो देश को लूटने व लुटवाने का काम कर रहे हैं।
भगत सिंह वर्मा ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा की प्रदेश सरकार पुनः विचार करते हुए गन्ने का लाभकारी रेट ₹600 कुंटल तत्काल घोषित करें और प्रदेश की 120 चीनी मिलों से गन्ना किसानों का 8000 करोड रुपए ब्याज तुरंत किसानों को दिलाएं अन्यथा प्रदेश के किसान सड़कों पर आकर प्रदेश की सारी व्यवस्था को ठप कर देंगे इसी कड़ी में 18 फरवरी 2021 को समय 11:00 बजे गन्ना सोसायटी देवबंद में किसानों की बड़ी महापंचायत होगी। आज की बैठक में राजेंद्र चौधरी वाजिद अली त्यागी आसिम मलिक जिला अध्यक्ष नीरज कपिल डॉक्टर मोहम्मद अरशद रविंद्र प्रधान अजीत सिंह एडवोकेट नरेश कुमार एडवोकेट समर पाल सिंह सरदार गुरविंदर सिंह वीरेंद्र सिंह बिल्लू रविंदर गिल डॉ रविंद्र कुमार अशोक कुमार आदि ने सरकार के फैसले पर रोष प्रकट किया।