'2011 के हाईकोर्ट ब्लास्ट की रेकी मैंने की थी', दिल्ली में पकड़े गए पाकिस्तानी आतंकी का बड़ा खुलासा

अशरफ को जब इस ब्लास्ट में शामिल एक संदिग्ध की फोटो दिखाई गई तब उसने इस बात का खुलासा किया कि खुद उसी ने हाईकोर्ट की रेकी की थी।

Update: 2021-10-13 05:07 GMT

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल गिरफ्तार पाकिस्तानी आतंकी अशरफ से पूछताछ कर रही है जिसमें एक बड़ा खुलासा हुआ है। पूछताछ में अशरफ ने बताया कि 2011 में दिल्ली हाईकोर्ट के बाहर हुए ब्लास्ट से पहले उसने रेकी की थी। अशरफ ने जांच अधिकारियों को बताया कि उसने दिल्ली हाईकोर्ट की रेकी की थी। अशरफ को जब इस ब्लास्ट में शामिल एक संदिग्ध की फोटो दिखाई गई तब उसने इस बात का खुलासा किया कि खुद उसी ने हाईकोर्ट की रेकी की थी।

पुलिस हेडक्वॉर्टर, आईएसबीटी की भी रेकी

हालांकि हाईकोर्ट में हुए इस ब्लास्ट में प्रत्यक्ष तौर पर वह शामिल था या नहीं ये अभी पूछताछ में साफ होगा। क्योंकि इस ब्लास्ट में प्रत्यक्ष तौर पर शामिल होने के सबूत नहीं मिले हैं। अशरफ ने बताया कि उसने वर्ष 2011 में आईटीओ स्थित पुलिस हेडक्वाटर ( पुराना पुलिस हेडक्वाटर ) की रेकी की थी। उसने बताया कि कई बार रेकी की लेकिन ज्यादा जानकारी नही मिल पाई क्योंकि पुलिस हेडक्वाटर के बाहर लोगो को रुकने नही देते थे। साथ ही आईएसबीटी की भी रेकी उसने की थी और सारी जानकारी पाकिस्तान के हैंडलर्स को भेजी थी। फिलहाल जांच एजेंसियां अशरफ से इस बात की पूछताछ कर रही है कि क्या वह दिल्ली के किसी ब्लास्ट में शामिल रहा है या नहीं।

बिहार में सरपंच से बनवाई आईडी

सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तानी आतंकी ने पूछताछ में इस बात का खुलासा किया है कि उसने फर्जी आईडी बिहार के एक गांव में सरपंच से बनवाई थी। यह आतंकी जब पहली बार साल 2004 में पाकिस्तान से बांग्लादेश और कोलकाता होते हुए भारत में दाखिल हुआ था तो उसके बाद वह सीधे अजमेर शरीफ गया जहां पर उसकी मुलाकात बिहार के कुछ लोगों से हुई। इन लोगों के साथ वह बिहार चला गया वहां जाकर उसने एक गांव में शरण ली। इस गांव में कुछ समय रहकर उसने सरपंच का विश्वास जीता और सरपंच से कागज में लिखवा कर गांव का निवासी होने की आइडेंटिटी बनवा दी।

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