बंगाल से जुड़ा इत्र कारोबारी पीयूष जैन का तार, आयकर विभाग ने फिर मारे छापे, दो बड़े ब्रांड भी फंसे
इत्र कारोबारी पीयूष जैन पर डीजीजीआई छापों के बाद आयकर विभाग भी सक्रिय हो गया है। पीयूष के लिंक एक बड़े सुपाड़ी तस्कर से जुड़ने के बाद सिलीगुड़ी में की गई कार्यवाही में कई राज का पर्दाफाश हुआ है। इस कार्यवाही के बाद कानपुर और दिल्ली से जुड़े दो बड़े पान मसाला ब्रांड बुरी तरह फंस गए हैं।
डीजीजीआई ने 22 से 27 दिसंबर के बीच पीयूष के कानपुर और कन्नौज स्थित आवास में छापेमारी की थी। उसके साथ गणपति रोड कैरियर्स पर भी छापों में भारी खेल पकड़ा गया था। इसी दौरान डीजीजीआई को पीयूष के ठिकानों से सुपाड़ी के कुछ बोरे भी मिले थे जिसमें लगी विशेष मुहर की जब जांच की गई तो खुलासा हुआ ये कि नार्थ ईस्ट के चर्चित सुपाड़ी तस्कर के हैं।
छानबीन में खुलासा हुआ कि पीयूष सुपाड़ी का काम भी कर रहा था और इसकी सप्लाई टैक्स चोरी के रास्ते में दो बड़े पान मसाला ब्रांड्स को की जा रही थी। पान मसाले में तस्करी की सुपाड़ी के घालमेल के बाद आयकर विभाग ने धावा बोल दिया। सूत्रों के मुताबिक सुपाड़ी तस्कर ने दिखावे के लिए कुछ अन्य कारोबार खोले हैं लेकिन सुपाड़ी में उसका सिक्का चलता है।
इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उसके द्वारा सप्लाई बोरों में उसकी खास मुहर लगती है ताकि रास्ते में कोई उसे न पकड़े। सूत्रों के मुताबिक तस्करी की सुपाड़ी बर्मा, मणिपुर, असोम, नेपाल और मलेशिया की सुपारी सिलीगुड़ी, चिकेन नेक से होकर पीयूष जैन के कारखाने में पहुंचाई जा रही थी। तस्करी की रकम हवाला के जरिए उस तक पहुंचाई जा रही थी। हवाला का धंधा भी देश में हवाला किंग के नाम से मशहूर एक कारोबारी के जरिए किया जा रहा था।
पीयूष जैन के घर से करोड़ों रुपए किये गये थे जब्त
पीयूष जैन के कानपुर के आदंनपुरी स्थित आवास से 177.45 करोड़ रुपए की नकदी बरामद हुई थी. वहीं कन्नौज स्थित आवास से जांच टीम ने 19 करोड़ रुपए नकद, 23 किलो सोना और 600 लीटर चंदन का तेल जिसकी कीमत लगभग 6 करोड़ रुपए बताई जा रही थी. कन्नौज से मिले सोने के बिस्किट में विदेशी मार्क था. इसके साथ ही कन्नौज की एसबीआई बैंक के लॉकर से 09 लाख रुपए मिले थे. डॉयरेक्टरेट जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलीजेंस (डीजीजीआई) अहमदाबाद की टीम ने चार्जशीट में इलेक्ट्रानिक, व्यापार से जुड़े दस्तावेजों, रेकॉड बयानों, मौखिख बयानों समेंत तमाम अहम साक्ष्यों को शामिल किया है. डीजीजीआई की टीम ने 16 गवाह बनाए हैं. इसमें एसबीआई कानपुर के मुख्य शाखा के मैनेजर, एसबीआई कन्नौज की सरायमीरा शाखा के मैनेजर समेत डीजीजीआई के अधिकारी शामिल हैं। इसके साथ ही 52 पन्नों में इत्र कारोबारी पीयूष जैन के बयानों को दर्ज किया गया है.