गोरखपुर। सीएम योगी के गृह जनपद गोरखपुर में पुलिस का क्रूर चेहरा सामने आया है। आधी रात को होटल में चेकिंग करने पहुंची पुलिस ने कानपुर से घूमने आए कारोबारी को कमरे में बंद कर पीटा। इससे उसकी मौत हो गयी।
इस घटना की सूचना के बाद पुलिस के हाथ-पांव फूल गए हैं और अधिकारी जांच की बात कह अपना पल्ला झाड़ रहे हैं। वहीं दूसरी ओर विपक्ष ने इस हत्याकांड पर प्रदेश सरकार को निशाने पर ले लिया है। विपक्ष ने कहा है कि सरकार की शह पर पुलिस निरंकुश हो चुकी है। वह अपराधियों की जगह आम जनता को निशाना बना रही है। सिकरीगंज के महादेवा बाजार निवासी चंदन सैनी ने बताया कि वह बिजनेस करते हैं। उनके तीन दोस्त गुरुग्राम से प्रदीप चौहान (32), हरदीप सिंह चौहान (35) और कानपुर से मनीष गुप्ता (35) गोरखपुर घूमने आए थे। चंदन के मुताबिक, सभी दोस्त रियल एस्टेट और अन्य बिजनेस करते हैं। सोमवार को तीनों अपने दोस्त चंदन सैनी से मिलने और घूमने गोरखपुर पहुंचे थे। चंदन ने दोस्तों को रामगढ़ ताल इलाके के एलआईसी बिल्डिंग के पास स्थित होटल कृष्णा पैलेस के रूम नंबर 512 में ठहराया था।
आरोप है कि सोमवार की रात करीब 12 बजकर 30 मिनट पर रामगढ़ ताल पुलिस होटल में चेकिंग करने पहुंची। इंस्पेक्टर जेएन सिंह, फल मंडी चौकी इंचार्ज अक्षय मिश्रा के अलावा थाने की अन्य फोर्स साथ में थी। सभी से आईडी प्रूफ दिखाने के लिए कहा गया। हरदीप ने खुद की और साथी प्रदीप चौहान की आईडी दिखा दी जबकि मनीष सो रहे थे। प्रदीप ने उन्हें आईडी दिखाने के लिए जगाया। इतने पर प्रदीप वहां मौजूद पुलिस वालों से कहा कि इतनी रात में चेकिंग किस बात की हो रही है। हम लोग क्या आतंकवादी हैं? सोते हुए इंसान को आप लोग उठाकर डिस्टर्ब कर रहे हैं। इतना सुनते ही पुलिस वाले बौखला गए। आरोप है कि पुलिस वालों ने शराब भी पी रखी थी।
आरोप है कि रामगढ़ताल के इंस्पेक्टर जेएन सिंह और फलमंडी चौकी के इंचार्ज अक्षय मिश्रा ने मनीष को पीटना शुरू कर दिया। चंदन के मुताबिक, दोनों उसे पीटते हुए कमरे से बाहर ले गए। कुछ ही देर बाद देखा कि पुलिस वाले साथी मनीष गुप्ता को घसीटते हुए बाहर लेकर आए, वह खून से लथपथ था। इसके बाद पुलिस वाले मनीष को अस्पताल ले गए। जहां उसकी मौत हो गई।