बिहार में पुलिस का तालीबानी चेहरा, गया में बालू उठाव का विरोध करने वाले ग्रामीणों का हाथ-पैर बांधकर पीटा
GAYA:-गांव के समीप नदी से बालू उठाव का विरोध करने वाले ग्रामीणों पर पुलिस का तालीबानी चेहरा सामने आया है.कई महिलाओ पुरूषों का हाथ पैर बांधकर पिटाई करने का मामला समाने आया है.यह मामला बिहार के धार्मिक नगरी गया जिला के बेलागंज थाना के आढ़तपुर गांव की है.यहां के लोगों के शरीर पर बर्बर पिटाई के जख्म खुद ब खुद सारी कहानी बयां कर रही है।
मिली जानकारी के अनुसार गत दिनों बालू उठाव का विरोध करने पर पुलिस ने गांव की महिलाओं, बच्चों और पुरुषों की बर्बरतापूर्ण पिटाई कर दी। इस दौरान पुलिस का तालिबानी चेहरा देखने को मिला। आढ़तपुर गांव निवासी निरंजन कुमार और प्रमोद यादव ने बताया कि बालू उठाव के लिए नियुक्त ठेकेदार नदी में सीमांकन करने पुलिस के साथ आये थे। हम गांव वासी शांतिपूर्ण ढंग से बात करने उनके पास पहुंचे थे कि गांव के पास उत्खनन नहीं किया जाए। क्योंकि यह गांव नदी के धार के सामने है। बरसात के दिनों में नदी में भीषण बाढ़ आती है। अगर गांव के समीप बालू का उत्खनन किया गया तो बरसात के दिनों में गांव कटने लगेगी।
यहां के लोग लोगों के घर गिर जाने की संभावना होगी, पर पुलिस अधिकारी और ठेकेदार इस बात को नहीं माने और जबरन बल प्रयोग कर हमें भगाने लगे। इसी बात को लेकर हुए विवाद के बाद हम लोगों के ऊपर अश्रु गैस का गोला छोड़ा जाने लगा। हम लोग भागकर गांव में आए और घरों में दुबक गए। लेकिन वे लोग पीछा करते हुए गांव तक पहुंच गए और घरों में से निकाल-निकाल कर बेरहमी से पिटाई की गई। बच्चे, बूढ़े, महिलाएं सभी की बर्बर पिटाई की गई। यही नहीं कुछ ग्रामीणों को हाथ बांधकर नदी में घंटों बैठाये रखा। जिनमें नाबालिग बच्चियां, बुड्ढे और महिलाएं भी थी। इसके बाद कई लोगों को पुलिस वाहन में बैठाकर गया शहर लेते गए और निर्दोष ग्रामीणों को जेल भेज दिया।
RJD विधायक ने आरोपी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग की
इस घटना की जानकारी मिलने के बाद गया जिला के बेलागंज विधानसभा के आरजेडी विधायक डॉ. सुरेंद्र प्रसाद यादव आढ़तपुर गांव पहुंचे थे। उन्होंने ग्रामीणों का दर्द सुना। साथ ही न्याय दिलाने का भरोसा दिलाया।
राजद विधायक डॉ. सुरेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि कहा कि पुलिस द्वारा सकारात्मक पहल नहीं की गई। पहले गांव के लोगों को विश्वास में लिया जाना चाहिए था। ग्रामीण बालू उठाव का विरोध नहीं कर रहे हैं। बल्कि अपने गांव पर आने वाले बाढ़ के संभावित खतरे से सशंकित हैं। लेकिन पुलिस और ठेकेदार के गुर्गे सीधे ग्रामीणों पर तालिबानी आक्रमण कर दिया। विधायक ने कहा कि यह गांव आरजेडी का समर्थक है, इसलिए इन पर इस तरह की तालिबानी कार्रवाई की गई है। पुलिस और ठेकेदार द्वारा गांव में जबरदस्त रूप से आतंक मचाया गया है। घरों की खिड़कियां तोड़ी गई है। दरवाजे तोड़कर लोगों को घर से निकालकर बर्बरता पूर्वक पिटाई की गई। घर में रखे बाइक भी तोड़ी गई है। ग्रामीणों का यह भी आरोप है कि घरों में घुसकर न सिर्फ पिटाई की गई बल्कि लूट भी मचाई गई है,और यह सब पुलिस के संरक्षण में किया गया है। ग्रामीणों द्वारा उपलब्ध कराई गई घटना के दिन के वीडियो में दिखाई दे रहा है कि महिलाएं बुजुर्ग और नाबालिग बच्चियों के हाथ बांधकर नदी में बैठाया गया है। वीडियो में पुलिस भी दिखाई दे रही है। आश्चर्यजनक है कि इस पूरे मामले में पुलिस के आला अधिकारी कैमरा के सामने कुछ भी बोलने से कतरा रहे।