यूपी एमएलसी चुनाव में गुरुवार को नाम वापसी का अंतिम दिन है। जीतने के लिए सपा और भाजपा में जोर आजमाइश का दौर जारी है। इससे पहले बुधवार की आधी रात मुख्तार अंसारी के घर कई थानों की पुलिस फोर्स ने दबिश दी। मुख्तार अंसारी के भाई, भतीजे और बेटे के घरों को पुलिस ने खंगाला। पुलिस के अनुसार एमएलसी चुनाव के वोटरों को बंधक बनाने की शिकायत मिली थी।
गाजीपुर में विधानसभा चुनाव के दौरान समाजवादी पार्टी ने क्लीन स्वीप किया है। यहां की सभी सात सीटों पर सपा के विधायक चुने गए हैं। अब विधान परिषद यानी एमएलसी चुनाव में दोनों तरफ से जोर आजमाइश हो रही है। भाजपा ने विशाल सिंह चंचल को प्रत्याशी घोषित किया है। सपा की तरफ से भोला नाथ शुक्ल को प्रत्याशी बनाया गया था।
सपा भाजपा के अलावा निर्दल प्रत्याशी मदन यादव ने भी नामांकन किया है। बुधवार को अचानक सपा प्रत्याशी ने अपना पर्चा वापस ले लिया। सपा ने भाजपा पर दबाव डलवाकर पर्चा वापस कराने का आरोप लगाया। सपा ने अपने प्रत्याशी का पर्चा वापस होने पर निर्दल मदन यादव को समर्थन देने की रणनीति बनाई। इसी बीच मदन यादव के घर भी बुधवार को प्रशासन की टीम पहुंच गई। वहां विकास कार्यों की पैमाइश को कारण बताया गया। सपा ने इसका भी विरोध किया और आरोप लगाया कि मदन यादव पर भी नाम वापसी के लिए दबाव बनाने के लिए यह सब हो रहा है।
आधी रात मुख्तार अंसारी के घर 'फाटक' पर भी पुलिस ने दस्तक दी। तीन थानों की पुलिस फोर्स ने मुख्तार अंसारी के भाई सिगबतुल्लाह अंसारी, भतीजे मोहम्मदाबाद के विधायक सोहैब अंसारी, बेटे मऊ के विधायक अब्बास अंसारी के घरों की तलाशी ली। सीओ मोहम्मदाबाद के साथ करीमुद्दीनपुर, बरेसर, मोहम्मदाबाद थानों की पुलिस ने तीनों के घरों को खंगाला।
गाजीपुर के एसपीआरए आरडी चौरसिया ने बताया कि शिकायत मिली थी कि वहां पर एमएलसी चुनाव के वोटरों बीडीसी आदि को बंधक बनाया गया है। शिकायत की जांच के लिए पुलिस गई थी। हालांकि वहां कोई मिला नहीं है।
वहीं सपा ने आरोप लगाया कि पुलिस एमएलसी प्रत्याशी मदन यादव की तलाश में वहां गई थी। मदन का पर्चा भी वापस कराने की कोशिश हो रही है, ताकि भाजपा प्रत्याशी निर्विरोध निर्वाचित हो जाये। मदन के परिवार में लंबे समय से प्रधानी है। उस पर दबाव बनाने के लिए ही पहले विकास कार्यों की पैमाइश के बहाने घर पर फोर्स पहुंची और आधी रात सपा विधायक और अन्य नेताओं के यहां दबिश दी जा रही है।