पटना। पूर्णिया के चंबल कहे जाने वाले सरसी में विश्वजीत सिंह की हत्या के बाद पटना तक सियासत गरमा गई है। हत्या का आरोप बिहार सरकार में मंत्री और धमदाहा विधायक लेसी सिंह पर लग रहा है। लेसी का नाम आते ही नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भी सत्ताधारी पार्टी जदयू पर हमलावर हो गए हैं।
इधर, विश्वजीत सिंह उर्फ रिंटू सिंह के परिजनों ने शनिवार को सरसी थाना के पास शव रखकर प्रदर्शन किया। उनका कहना है कि जब तक हत्यारों की गिरफ्तारी नहीं होती है, तब तक न शव का पोस्टमॉर्टम होने देंगे और न अंतिम संस्कार करेंगे। उनका कहना है कि पहले मंत्री लेसी सिंह यहां आएं और परिवार को देखें। इसके बाद ही शव का अंतिम संस्कार सरसी थाना में ही होगा।
विश्वजीत सिंह जिला परिषद् सदस्य अनुलिका सिंह के पति थे और खुद भी जिला परिषद् सदस्य रह चुके थे। आगे वह विधानसभा चुनाव लड़ने की भी तैयारी कर रहे थे। आक्रोशित लोगों को समझाने पहुंचे पुलिस अधीक्षक दयाशंकर को भी लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा। उन्होंने तत्काल सरसी थानाध्यक्ष नरेश कुमार को निलंवित कर दिया है।
मंत्री लेसी सिंह का नाम आते ही नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने विश्वजीत सिंह द्वारा 3 नवंबर को थाना में दिए गए आवेदन के साथ सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि पूर्णिया के नवनिर्वाचित जिला परिषद ने बिहार पुलिस अर्थात् जदयू पुलिस सह कार्यकर्ता को लिखित शिकायत की थी कि जदयू की बिहार सरकार में मंत्री लेसी सिंह का भतीजा उनकी हत्या करवा सकता है, लेकिन जदयू अपना कार्यकर्ता वाला फर्ज निभाने में तत्पर रही और उसकी हत्या हो गई।
बिहार से अच्छा कानून का राज कहीं होगा क्या, जहां पुलिस ही नागरिकों और निर्वाचित विपक्षी जनप्रतिनिधियों की हत्या करवाती हो, जहां पुलिस ही शराब की तस्करी करती हो, जहां पुलिस ही थानों से शराब बेचती हो, जहां पुलिस सत्ताधारी दल के कार्यकर्ता के रूप में कार्य करती है। पुलिस अधीक्षक दया शंकर ने बताया कि मामले की जांच चल रही है। परिजनों के बयान के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
रिंटू सिंह के परिजनों व समर्थकों ने सुबह से ही सरसी थाना के पास सड़क जाम कर दी। आगजनी की और पुलिस-प्रशासन के खिलाफ नारे लगाए। परिजनों का कहना था कि हत्या थाना के पास हुई है। अंतिम संस्कार भी थाना कैंपस में ही होगा। हालांकि, बाद में वहां पहुंचे पूर्णिया पुलिस अधीक्षक दया शंकर ने किसी तरह लोगों को समझाकर जाम हटवाया। साथ ही शव को भी पोस्टमॉर्टम के लिए सदर अस्पताल भेजा गया।
मृतक के पिता मनोज सिंह, पत्नी अनुलिका सिंह और मां ने बताया कि साजिश के तहत रिंटू की हत्या हुई है। पुलिस ने यदि मामले को गंभीरता से लिया होता तो आज रिंटू की हत्या नहीं होती। अनुलिका सिंह ने बताया कि उनके पति रिंटू सिंह साल 2015 में भारी बहुमत से जिप सदस्य पद पर जीते थे। इस बार मुझे जिप सदस्य पद पर उतारा गया और मैंने सात हजार से भी अधिक मतों से जीत हासिल की है। पति रिंटू सिंह खुद धमदाहा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने की तैयारी में जुटे थे। क्षेत्र में स्थिति मजबूत होने के कारण यह बात विरोधियों को नहीं पची और साजिश के तहत हत्या करा दिया गया। इसमें मंत्री लेसी सिंह व उनके लोग शामिल हैं।
रिंटू सिंह के पिता मनोज सिंह ने भावविभोर होकर बताया कि सरसी थाना क्षेत्र में पिछले 15 वर्षों के अंदर 150 लोगों की हत्या हुई है। हत्या सिर्फ राजनीतिक रंजिश के वजह से हुई है। उन्होंने बताया कि क्षेत्र में जो भी विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी करते हैं, उसकी हत्या करवा दी जाती है। इसके पीछे सत्ताधारी पार्टी के लोगों की साजिश है।