Police Commissionerate News : यूपी में ये बनेंगी चार पुलिस कमिश्नरी!

लखनऊ के पहले कमिश्नर एडीजी सुजीत पाण्डेय बनाए गए जबकि नोएडा के प्रथम कमिश्नर का खिताब एडीजी आलोक कुमार को मिला जो आज भी नोएडा मे तैनात है।

Update: 2022-04-11 06:23 GMT

उत्तर प्रदेश में जनवरी 2019 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस कमिश्नरी सिस्टम लागू किया। जिसके मुताबिक प्रदेश मे पहली कमिश्नरी सूबे की राजधानी लखनऊ और नोएडा को दूसरा नंबर मिला। हालांकि इन दोनों कमिश्नरी का निर्माण एक ही दिन हुआ। लखनऊ के पहले कमिश्नर एडीजी सुजीत पाण्डेय बनाए गए जबकि नोएडा के प्रथम कमिश्नर का खिताब एडीजी आलोक कुमार को मिला जो आज भी नोएडा मे तैनात है। 

इन दोनों कमिश्नरी को कामयाब होते देख अब योगी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल के प्रथम माह में ही कुछ नए कार्य करने प्रारंभ कर दिए है। सबसे पहले सरकार ने फ्री राशन जो गरीबों को दिया जया रहा था उसका समय बढ़ा दिया अब आगे भी विधिवत चलता रहेगा। उसके बाद दस हजार रोजगार देने की बात कही। अब उधर गाजियाबाद , मेरठ , आगरा और प्रयागराज मे लगातार अपराध बढ़ता ही जया रहा है। जिस पार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बेहद नाराज नजर आ रहे है। इसके चलते प्रदेश मे ईमानदार छवि के अधिकारी माने जाने वाले पवन कुमार को गाजियाबाद के एसएसपी के पद से सस्पेंड कर दिया है। 

अब अपराध पर लगाम लगाने के लिए गाजियाबाद में आईपीएस एम मुनिराज जी की अस्थाई नियुक्ति की गई है। जिससे कमिश्नरी बनने की बात मे दम नजर आ रहा है। फिलहाल सूबे मे चार कमिसनरी बनने की चर्चा है। अभि इस पार आधिकारिक वक्तव्य नहीं आया है चूंकि अभी विधान परिषद के चुनाव के चलते प्रदेश में आचार सहींता लगी हुई है। इसलिए सरकार अभी नई घोषणा लागू नहीं कर रही ही। उम्मीद है कि जल्द ही चार कमिश्नरी के निर्माण का ऐलान किया जा सकता है। 

फिलहाल गाजियाबाद, मेरठ, आगरा और प्रयागराज में तीन डीसीपी के पद सृजन किए जा सकते है। साथ ही कमिश्नर एडीजी रेंक के अधिकारी को बनाया जाएगा और डिप्टी कमिश्नर इन जगहों पर डीआईजी रेंक के मिल सकते है। इस तरह एक कमिश्नरी का जिम्मा अब तक एसएसपी के कंधे पर होता था वहाँ अब एक कमिश्नरी में लगभग सात से दस तक आईपीएस अधिकारी कमान संभालेंगे जिससे अपराध पर लगाम लगना तय माना जाएगा। 

बता दें कि पिछले कई वर्षों से नोएडा कमिश्नरी बनने से और पहले एक एनकाउंटर स्पेशलिस्ट एसएसपी के रहते ढेरों एनकाउंटर हुए लेकिन अपराध पर उतना काबू नहीं हुआ जितना होना चाहिए। अब देखना यह होगा कि सरकार इस सिस्टम को कब लागू करती है या फिर कमान एसएसपी के हवाले ही रहेगी अभि कहना मुश्किल भरा होगा। लेकिन जल्द इस पर से जमा कोहरा हट जाएगा। 

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