अंतरिक्ष में मानव भेजने की तैयारी में है ISRO, केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने दी मिशन की जानकारी, जानें पूरी खबर

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो अब अंतरिक्ष में इंसान भेजने की तैयारी कर रहा है, जिसकी जानकारी केंद्रीय मंत्री ने दी है। पढ़िए पूरी खबर..

Update: 2023-10-11 02:05 GMT

अंतरिक्ष में मानव भेजने की तैयारी में है ISRO ।

Mission GaganYaan: मंगल के बाद चांद के दक्षिणी ध्रुव की सफल सफलता के बाद अब भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने अब अंतरिक्ष में इंसान को भेजने की तैयारी पूरी कर ली है। इसकी जानकारी केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी तथा अंतरिक्ष मंत्री जितेंद्र सिंह ने मंगलवार 10 अक्टूबर को दी। उन्होंने कहा कि इसरो आगामी 21 अक्टूबर को गगनयान मिशन के लिए पहला परीक्षण उड़ान लॉन्च करने जा रहा है। मंत्री जितेंद्र सिंह चंद्रयान-3 और आदित्य एल-1 मिशन में शामिल इसरो के इंजीनियरों के अभिनंदन कार्यक्रम में कहा कि अंतरिक्ष में जाने के बाद वापस गगनयान समुद्र में उतरेगा। क्रू मेंबर्स की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए नौसेना ने मॉड्यूल को पुन:प्राप्त करने का मॉक ऑपरेशन पहले ही शुरू कर दिया है।

अंतरिक्ष में भेजे जाएंगे मानव

मंत्री ने आगे बताया कि आने वाले साल के आखिरी तर इसरो अंतरिक्ष में मानव युक्त मिशन करेगा। उसके पहले यह टेस्ट परीक्षण होने वाला है। जिस क्रू मॉड्यूल मैं बैठा कर अंतरिक्ष यात्रियों को भेजा जाएगा उसका नाम परीक्षण वाहन विकास उड़ान (टीवी-डी-1) है। इसे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में लॉन्च किया जाएगा। क्रू मेंबर्स को इस मॉड्यूल में बैठाकर अंतरिक्ष में 400 किलोमीटर दूर भेजना, उसके बाद इसे वापस पृथ्वी पर लाना तथा बंगाल की खाड़ी के समुद्र में उतारने की टेस्टिंग की जाएगी।

मानव से पहले अंतरिक्ष में भेजा जाएगा व्योममित्र रोबोट

मंत्री ने आगे जानकारी दी कि परीक्षण की सफलता पहले मानवरहित गगनयान मिशन और उसके बाद पृथ्वी की कक्षा से बाहरी अंतरिक्ष में मानव युक्त मिशन का रास्ता सुनिश्चित करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि अगले साल के अंत में होने वाले मानव युक्त मिशन से पहले एक और परीक्षण उड़ान होगी। यह अगले साल होगी, जिसमें एक महिला रोबोट अंतरिक्ष यात्री व्योममित्र को भेजा जाएगा।

आपको बता दें कि सुदूर अंतरिक्ष के अनंत रहस्यों को जानने की स्पेस रेस में इसरो तेजी से आगे कदम बढ़ा रहा है। बीते 23 अगस्त को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सफल लैंडिंग से पहले धरती से परे दूसरे खगोलीय पिंड मंगल ग्रह पर अंतरिक्ष यान भेजकर सफलता का परचम लहराया था। फिलहाल इसरो का सूर्य के बाहरी परत के अध्ययन का एक और महत्वाकांक्षी मिशन आदित्य एल-1 अपने सफ़र पर है। उसे धरती से 15 लाख किलोमीटर दूर एल-1 पॉइंट पर स्थापित कर सूरज का अध्ययन किया जाना है। हाल ही में इसरो ने बताया था कि मिशन सफलतापूर्वक अपने गंतव्य की ओर बढ़ रहा है।

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