छठ घाटों पर श्रद्धालु जलायेंगे आज दीयें, दिल्ली सरकार अपने फैसले पर करें पुर्नविचार- विजय चंद्र झा
नई दिल्ली। आज शाम सात बजे से दिल्ली के लाखों छठ मनाने वाले श्रद्धालु हजारों छठ घाटों पर दीए जलाकर केजरीवाल सरकार के फैसले का विरोध करेंगे। क्योंकि पिछले दिनों केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में नदी किनारे और सार्वजनिक स्थलों पर छठ पर्व मनाने पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है।
अखिल भारतीय मिथिला संघ के महासचिव विद्यानंद ठाकुर ने कहा है कि केजरीवाल सरकार के इस फैसले से दिल्ली निवासी खासकर पूर्वांचल,मिथिलांचल और अंग प्रदेश के लोगों को बहुत आघात पहुंचा है । उन्होंने बताया कि केजरीवाल सरकार को छठ पर्व के श्रद्धालुओं की भावनाओं से अवगत करा दिया गया है। इसके बावजूद उन्होंने छठ पर्व मनाने पर लगाए प्रतिबंध को हटाने के कोई संकेत नहीं दिए हैं।
वरिष्ठ समाज कर्मी विद्यानंद ठाकुर के मुताबिक पूर्वांचल मिथिलांचल के प्रबुद्ध नागरिकों की एक बैठक आईटीओ स्थित हंस भवन में अखिल भारतीय मिथिला संघ के अध्यक्ष विजय चंद्र झा जी की अध्यक्षता में संपन्न हुई। इस बैठक में वक्ताओं ने कहा कि छठ पूजा को नदी के किनारे और सार्वजनिक स्थलों पर नहीं करने की घोषणा पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को फिर से विचार करना चाहिए। छठ पर्व पूर्वांचल, मिथिलांचल और अंग प्रदेश का सूर्य उपासना का महान पर्व है। इस पर रोक लगाना एकदम उचित नहीं है जबकि इस बार की स्थिति पिछले साल की तरह नहीं है। अब जब सभी तरह के सार्वजनिक कार्यक्रमों सहित दुर्गा पूजा करने तक की अनुमति दी गई है । तब छठ पर्व पर किसी भी तरह से रोक उचित नहीं है।
बैठक में तय किया गया इस संबंध में प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री सहित विभिन्न राजनैतिक दलों को छठ पर्व पर प्रतिबंध हटाने की मांग के संबंध में ज्ञापन सौंपा जाएगा। बैठक में सीमापुरी छठ महापर्व आयोजन समिति के संस्थापक सुनील झा, तपन कुमार झा, विद्यानंद ठाकुर, पार्षद रामदयाल महतो सहित 50 से अधिक छठ पर्व पूजा समिति के प्रतिनिधि शामिल थे। इस बैठक में ही यह तय किया गया कि दिल्ली के सभी छठ घाटों पर दीप जला कर केजरीवाल सरकार के प्रति विरोध जताया जाएगा।
आई टी ओ स्थित छठ घाट पर श्रद्धालुओं के साथ भाजपा सांसद और प्रसिद्ध भोजपुरी गायक मनोज तिवारी भी दीप जला कर केजरीवाल सरकार के फैसले का विरोध करेंगे। दिल्ली में एक हजार से अधिक पंजीकृत छठ पूजा समितियां हैं। इनके अलावा 300 गैर पंजीकृत समितियां भी हैं। सभी समितियां एकजुट होकर छठ पर्व पर प्रतिबंध का विरोध करने में पीछे नहीं रहेंगी।