राकेश टिकैत अब हरियाणा में ऐक्टिव हो गए हैं। क्योकिं तीन कृषि कानूनों को वापस लिए जाने के बाद किसान आंदोलन खत्म हो गया था। इसके बाद राकेश टिकैत भी किसी आंदोलन में नजर नहीं आ रहे थे। हालांकि वह कैथल में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने वेतन वृद्धि को लेकर एक महापंचायत की थी। इसमें भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत भी पहुंचे और अपना समर्थन दिया।
इसके साथ ही संयुक्त किसान मोर्चा, सर्व कर्मचारी संघ, महिला समिति और कई अन्य संगठनों ने भी महापंचायत में हिस्सा लिया। सर्व कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सुभाष लांबा ने भी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के इस आंदोलन का समर्थन करने का वादा किया है। टिकैत ने भी मांग की है कि सरकार ने जिन कर्मचारियों को निष्कासित कर दिया है, उनको दोबारा सेवा में लाकर मामले का हल निकाले।
बता दें कि 8 दिसंबर से ही आंगनवाली वर्कर और हेल्पर अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रही हैं। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का कहना है कि आंदोलन शुरू होने के बाद से बहुत सारी कार्यकर्ताओं को नौकरी से निकाल दिया गया है। टिकैत ने कहा, 'एक चुनी हुई सरकार को कभी भी लोगों के विरोध के अधिकार को नहीं छीनना चाहिए।' आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की नेता ने कहा कि जब तक सरकार उनकी मांगें नहीं मानती, आंदोलन खत्म नहीं होगा।
उन्होंने कहा कि सरकार ने आश्वासन दिया है कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का वेतन 1500 रुपये और सहायकों का वेतन 750 रुपये बढ़ाया जाएगा। 2018 में भी यह वादा किया गया था लेकिन अब तक पूरा नहीं किया गया है। द तालमेल कमिटी ने भी 30 मार्च को रोहतक में मीटिंग बुलाई है। इसमें आंदोलन की आगे की दिशा पर चर्चा की जाएगी।