दुष्कर्म और हत्या के केस में सजा काट रहे डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम को पैरोल पर जेल से रिहा किया जाएगा। गुरमीत हरियाणा की रोहतक जेल में बंद है। उसे पंजाब में चुनाव से 13 दिन पहले जेल से छोड़ा जा रहा है। पंजाब के 23 जिलों में 300 बड़े डेरे हैं, जिनका सीधा दखल सूबे की राजनीति में है। ये डेरे पंजाब के माझा, मालवा और दोआबा क्षेत्र में अपना वर्चस्व रखते हैं।
डेरा सच्चा सौदा हरियाणा के सिरसा जिले में स्थित है। इसका पंजाब के मालवा रीजन की करीब 69 सीटों पर प्रभाव है। गुरमीत राम रहीम की रिहाई के मद्देनजर सुनारिया जेल के बाहर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। सिरसा डेरा के प्रमुख राम रहीम का 21 दिन की फर्लो (छुट्टी) का आवेदन हरियाणा जेल विभाग मंजूर कर चुका है। रोहतक के कमिश्नर के दस्तखत के बाद उसे जेल से बाहर लाया जाएगा।
हरियाणा के जेल मंत्री रणजीत सिंह चौटाला ने दो दिन पहले बयान दिया था कि पैरोल लेना हर कैदी का अधिकार है। इसके बाद राम रहीम को 21 दिन की पैरोल मिल गई। उसे आज सुबह ही रोहतक के सुनारिया जेल से निकाला है। पैरोल के दौरान एक कड़ी शर्त यह रखी गई कि वह 21 के 21 दिन पुलिस की निगरानी में रहेगा। उसका अधिकांश समय डेरे में ही व्यतीत होगा।
डेरे की स्थापना 1948 में शाह मस्ताना ने की थी। 1960 में शाह सतनाम डेरे की गद्दी पर बैठे। इसके बाद 1990 में 23 साल की उम्र में राम रहीम डेरे की गद्दी पर बैठा था। साल 2006-07 में डेरा सच्चा सौदा ने राजनीतिक विंग बनाई। इसमें डेरा प्रमुख के विश्वासपात्र लोग शामिल हैं। साथ ही हर राज्य की 45 सदस्यीय कमेटी भी गठित की।
साल 2007, 2012, 2017 के पंजाब विधानसभा चुनावों में डेरे ने पूरी तरह से भागीदारी की। 2014 के लोकसभा चुनाव और हरियाणा विधानसभा चुनाव में डेरा प्रमुख ने PM के स्वच्छ भारत मिशन की सराहना करते हुए समर्थन दिया। सभी नेता वोटों की राजनीति के लिए डेरे में माथा टेकने पहुंचते हैं। पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह भी विधानसभा चुनावों से पहले पत्नी और परिवार के साथ डेरे में पहुंच चुके हैं। बादल परिवार भी डेरे में हाजिरी लगवा चुका है।