खामगांव: महात्मा गांधी के प्रसिद्ध साबरमती आश्रम के स्वरूप में बदलाव के विरुद्ध गाँधीजनों द्वारा निकाली गई सेवाग्राम से साबरमती संदेश यात्रा की दूसरे दिन खामगांव में ऐतिहासिक सभा हुई । यात्रा स्वतंत्रता सेनानी बाल गंगाधर तिलक , बाबा साहब भीमराव अंबेडकर और महात्मा गांधी की प्रतिमाओं को नमन करते और अपनी प्रतिबद्धता को प्रगाढ़ करते हुए आगे बढ़ी ।
सभा को गांधी शांति प्रतिष्ठान के अध्यक्ष कुमार प्रशांत और यात्रा के संयोजक गांधी स्मारक निधि के सचिव संजोय सिम्हा ने बात रखी । आपने कहा कि हम सरकार को राष्ट्रीय धरोहरों को नष्ट करने का अधिकार नही दे सकते । साबरमती आश्रम उस ऐतिहासिक नमक आंदोलन का गवाह है जिसने अंग्रेजी साम्राज्यवाद की चूलें हिला दी थी । यह देश के लिए श्रद्धा और प्रेरणा का स्थान है । हम इसे सत्ताधीशों की सनक का शिकार नही बनने देंगे ।
महात्मा गांधी हमेशा ही उस विश्व के लिए एक प्रेरणा स्रोत बने रहेंगे जिसमें हम रहते हैं। यही वे बातें थीं, जिन पर मार्टिन लूथर किंग का अटूट विश्वास था और मैं उद्धृत करता हूँ: ''गांधी अवश्यम्भावी थे, यदि मानवता को प्रगति करनी है, तो गांधी के मार्ग से बचा नहीं जा सकता। उन्होंने अपना जीवन जिया, विचार किया और उसी के हिसाब से कार्य किया, जो शांति एवं सामंजस्य के एक विश्व की दिशा में उभरती मानवता का आदर्श था। हम गांधी जी को अपने जोखिम पर ही नजरंदाज कर सकते हैं। इस अवसर पर राजेंद्र सिंह राणा ,आशा बोथरा, सुगन जी,अशोक भारत, डॉ विश्वजीत, शेख हुसैन, अरविंद कुशवाहा आदि लोगों ने अपनी बात रखी ।
यात्रा के आयोजन में गांधी स्मारक निधि, गांधी शांति प्रतिष्ठान, सर्व सेवा संघ, सेवा ग्राम आश्रम प्रतिष्ठान,सर्वोदय समाज, राष्ट्रीय गांधी संघ्रालय, नई तालीम समिति, राष्ट्रीय युवा संघठन,जल बिरादरी, महारष्ट्र सर्वोदय मंडल तथा गुजरात की सर्वोदय संस्थायें शामिल हैं। यात्रा में जगह जगह सर्व धर्म प्रार्थना, गोष्ठी, जन संवाद एवं आदि कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं ।बुलदाना जिला सर्वोदय मंडल, तिलक राष्ट्रीय विद्यालय, शंकर महर्षि भास्कर राव सिंघने आर्ट्स कलेज, खामगांव, तरुण फाउंडेशन यह चार के संयुक्त आयोजन में सेवाग्राम साबरमती संदेश यात्रा का वह आयोजन संस्था के सचिव देशमुख जी, सुधाकर राव जी एवं स्थानिक सर्वोदय के कार्यकर्ताओं ने स्थानिक आयोजन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई आभार व्यक्त किया ।