लाउडस्पीकर की आवाज को लेकर उपजे विवाद के बाद उत्तर प्रदेश में इसे लेकर बेहद संवेदनशीलता से कार्रवाई की जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के धार्मिक स्थलों पर लगे लाउडस्पीकरों की आवाज परिसर के भीतर ही रहने के निर्देशों के बाद पुलिस ने कार्रवाई के कदम बढ़ाये हैं।
उत्तर प्रदेश में तीन दिनों में युद्ध स्तर पर की जा रही कार्रवाई के तहत धार्मिक स्थलों से 21963 लाउडस्पीकर उतरवाये गये हैं। इतना ही नहीं, निर्धारित मानकों के अनुरूप 42 हजार 332 से अधिक लाउडस्पीकरों की आवाज धीमी कराई गई है।
वही अब यूपी में लाउडस्पीकर हटाने और आवाज कम करने के मामले में प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने सवाल किया है कि अचानक शुरू हुए इस फसाद की जड़ कौन है।
यादव ने शुक्रवार को कहा कि सदियों से भजन कीर्तन अजान और गुरुवाणी के स्वर गूंजते रहे हैं मगर किसी ने इस पर सवाल नहीं उठाया। यहां तक कि लाउडस्पीकर के आविष्कार से भी पहले यह सिलसिला अनवरत जारी रहा है मगर अचानक यह विवाद की श्रेणी में कैसे आ गया, इसका पता लगाना जरूरी है।
उन्होने ट्वीट किया, ''सैंकड़ों सालों से देश की गंगा-जमुनी तहजीब में भजन, कीर्तन, अजान व गुरुवाणी के स्वर सहअस्तित्व के साथ गूंजते रहें हैं। लाउडस्पीकर के आविष्कार के बहुत पहले से। किसी ने इस पर सवाल नहीं उठाया। ईश्वर न तब बहरा था और न अब बहरा है। बुनियादी सवाल है कि अचानक शुरू हुए इस फसाद की जड़ कौन है।''
गौरतलब है कि उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार राज्य सरकार ने पूजा स्थलों पर लगे लाउडस्पीकरो की आवाज कम करने और उन्हें हटाने का अभियान शुरू किया है और पिछले तीन दिनों में 12 हजार से अधिक लाउडस्पीकर हटाए जा चुके हैं।