यूक्रेन से अब तक 12000 भारतीयों को निकाला गया, जानें भारतीय छात्र नवीन का शव कहा रखा गया
यूक्रेन के युद्ध ग्रस्त क्षेत्रों में अभी भी करीब चार हजार भारतीयों के फंसे होने का अनुमान है। हालांकि काफी संख्या में लोग यूक्रेन के पश्चिमी हिस्से की ओर निकलने में कामयाब रहे हैं।
विदेश सचिव हर्षवर्धन शृंगला ने मंगलवार को देर रात संवाददाताओं से बातचीत में कहा की यूक्रेन में करीब 20 हजार भारतीय मौजूद थे। इनमें से 12 हजार अब तक निकल चुके हैं। बाकी आठ हजार में से 50% पश्चिमी हिस्से की तरफ आ चुके हैं। शेष 50 फीसदी अभी भी खारकीव, सूमी तथा दक्षिणी हिस्से में हैं जो संघर्ष वाले क्षेत्र हैं। कीव से करीब करीब सभी भारतीय निकल चुके हैं।
उन्होंने कहा कि पिछले तीन चार दिनों के दौरान 7700 लोगों ने पश्चिम सीमा क्षेत्र का रुख किया है। इनमें से दो हजार लोगों को भारत लाया जा चुका है तथा बाकी लोग सीमाओं पर मौजूद हैं। उनकी वापसी के प्रयास किए जा रहे हैं।
शृंगला ने कहा कि अगले तीन दिनों में 26 उड़ानें छात्रों और नागरिकों को लेने यूक्रेन के चार पड़ोसी देशों में जाएंगी। बुधवार सुबह एयरफोर्स के सी-17 विमान भी रवाना होंगे। चार मंत्री भारतीयों की वापसी के अभियान में समन्वय के लिए पहुंच चुके हैं। उन्होंने कहा कि यूक्रेन के मानवीय सहायता लेकर भारत की एक फ्लाइट मंगलवार को पोलैंड रवाना हुई है। दूसरी फ्लाइट बुधवार को जाएगी। इसमें दवाएं एवं अन्य जरूरी सामग्री है।
यूनिवर्सिटी के मुर्दाघर में नवीन का शव
शृंगला ने कहा कि प्रधानमंत्री ने मंगलवार की शाम उच्च स्तरीय बैठक की जिसमें भारतीय छात्र नवीन के मारे जाने पर दुख व्यक्त किया गया। नवीन खाद्य सामग्री लेने के लिए बाहर आया था। वह नेशनल खारकीव मेडिकल यूनिवर्सिटी में चौथे साल का छात्र था। उसका शव यूनिवर्सिटी के मुर्दाघर में रखा गया है। उसे भारत लाने के लिए स्थानीय अधिकारियों से बात की जा रही है।