सृजन घोटाला: पूर्व एडीएम जयश्री ठाकुर की छह करोड़ 85 लाख रुपये की संपत्ति जब्त
पटना। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भागलपुर की पूर्व एडीएम जयश्री ठाकुर और उनके परिवार के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में छह करोड़ 85 लाख रुपये की संपत्ति जब्त कर ली है। पीके घोष और विपिन कुमार के बाद प्रवर्तन निदेशालय की यह तीसरी सबसे बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है। प्रवर्तन निदेशालय ने प्रेस बयान जारी कर यह जानकारी दी है। जयश्री ठाकुर सृजन घोटाले की आरोपी है और वर्तमान में जेल में बंद है।
जयश्री ठाकुर भागलपुर की एडीएम के अलावा बांका और भागलपुर में जिला भू-अर्जन पदाधिकारी रह चुकी है। सृजन घोटाले में भी पूर्व एडीएम को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। ईडी ने यह कार्रवाई मनी लॉ़ड्रिंग के तहत की है। ईडी ने कहा है कि पूर्व एडीएम जयश्री ठाकुर के 15 प्लॉट, 1.53 करोड़ रुपये से अधिक के फ्लैट, 42 बैंक खातों में जमा पांच करोड़, पांच लाख दो हजार 511 रुपये की राशि और ठाकुर व उनके परिवार के सदस्यों की 12 अलग-अलग बीमा पॉलिसी के 26 लाख 123 रुपये के ''समर्पण मूल्य'' को जब्त किया गया है। प्रवर्तन निदेशालय ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में जयश्री ठाकुर और उनके परिवार के सदस्यों के विरुद्ध 11 जुलाई 2013 को प्राथमिकी ( 29/ 2013) दर्ज की थी।
चार्जशीट 12 सितम्बर 2017 को दाखिल की गई थी। प्राथमिकी में एक लोक सेवक के रूप में अपने पद का दुरुपयोग कर, भ्रष्ट और अवैध तरीके से 13 करोड़ 98 लाख 38 हजार 213 रुपये की आय से अधिक संपत्ति हासिल करने का आरोप लगाया गया था। मनी लॉ़ड्रिंग की जांच में ईडी को पता चला कि 12 जनवरी 1987 से 30 जून 2013 की अवधि के दौरान जयश्री ठाकुर ने बिहार सरकार के विभिन्न सेवाओं और पदों पर तैनाती के दौरान भ्रष्ट आचरण के माध्यम से 13 करोड़ 98 लाख 38 हजार 213 रुपये आय से अधिक संपत्ति अर्जित की और अपने पद का दुरुपयोग किया। चल और अचल संपत्ति के रूप में आय से अधिक संपत्ति उनके अलावा पति राजेश कुमार चौधरी, बेटे ऋषिकेश चौधरी और बेटी राजश्री चौधरी के नाम से भी है।
जयश्री ठाकुर के भागलपुर और बांका में जिला भू-अर्जन पदाधिकारी के पद पर रहते हुए सरकारी राशि की अवैध निकासी हुई थी। राशि सृजन महिला विकास सहयोग समिति लि.सबौर के खाते में ट्रांसफर की गयी थी। सृजन घोटाला उजागर होने के बाद सीबीआई की जांच में जयश्री ठाकुर की संलिप्तता पायी गयी। जांच में पाया गया कि सृजन की संस्थापक सचिव मनोरमा देवी से जयश्री ठाकुर का गहरा संबंध था। जांच में पता चला था कि जयश्री ठाकुर ने सात करोड़ रुपये सृजन में भी जमा किया था। ठाकुर पर नियमों के विरुद्ध काम करने का भी आरोप लगाया गया था।
आय से अधिक संपत्ति के मामले में जुलाई 2013 में ईडी ने जयश्री ठाकुर के भागलपुर, बांका, गोड्डा और पटना में छापेमारी की थी। छापेमारी के 10 दिनों के बाद जयश्री ठाकुर को निलंबित किया गया था। विभागीय जांच के बाद सरकार ने अगस्त 2017 में जयश्री ठाकुर को बर्खास्त कर दिया