Baby Rani Maurya: बेबी रानी मौर्य सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य पर जमकर बरसीं

Update: 2022-03-27 10:33 GMT

 Baby Rani Maurya

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार 2.0 में कैबिनेट मंत्री की शपथ लेने वाली विधायक बेबी रानी मौर्य (Baby Rani Maurya) ने रविवार को पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य पर जमकर बरसी आगरा ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र से पहली बार विधायक बनीं बेबी रानी मौर्य ने 25 मार्च को इकाना इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में कैबिनेट मंत्री की शपथ ली थी।

उत्तराखंड की राज्यपाल रहीं बेबी रानी मौर्य ने रविवार को मीडिया से कहा कि भाजपा ने हमारा लगातार सम्मान बढ़ाने का काम किया है। मैं खुद जाटव समाज से आती हूं। भाजपा ने एक दलित को आगे रखकर मेयर, राज्यपाल, कैबिनेट मंत्री और भाजपा का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने हमेशा ही अपने कार्यकर्ता को सम्मान दिया। उनको क्रम के अनुसार आगे भी बढ़ाया। भाजपा में बने रहने वालों का हमेशा से ही सम्मान हुआ है।

बेबी रानी मौर्य ने कहा कि भाजपा को छोड़कर समाजवादी पार्टी में अपना भविष्य तलाशने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य को क्या मिला, आप खुद देखिए। विधानसभा चुनाव हारने के बाद अब कहीं के नहीं हैं। यह वही स्वामी प्रसाद मौर्य हैं जो कि भाजपा के साथ आरएसएस को भी बर्बाद करने की बातें कर रहे थे। अब लगता है कि वह नया ठिकाना तलाशेंगे। आपको बता दें कि यूपी विधानसभा चुनाव शुरू होने से ठीक पहले ही स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपने कुछ साथियों के साथ भाजपा का साथ छोडकर समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए थे।

आगरा ग्रामीण सीट से विधायक बनीं बेबी रानी मौर्य का जन्म 15 अगस्त 1956 को हुआ था। बीए, एमएड की शिक्षा ले चुकीं बेबी रानी मौर्य 1995-2000 तक आगरा की मेयर रहीं। 2002 से 2005 के बीच राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य रहीं हैं। अगस्त 2018 से 15 सितम्बर 2021 के बीच उत्तराखंड की राज्यपाल रहीं। अब वह योगी सरकार में मंत्री हैं।

बतादें कि स्वामी प्रसाद मौर्य उत्तर प्रदेश के एक प्रमुख गैर-यादव अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) नेता हैं। वह 2007 से 2022 तक कुशीनगर जिले के अपने पारंपरिक सीट पडरौना से विधायक रहे। उन्होंने 2007 और 2012 में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और 2017 में भाजपा के टिकट पर सीट जीती थी। 2012 में बसपा के सत्ता गंवाने से पहले वह मायावती के खास लोगों में गिने जाते थे। 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले 2016 में वह भाजपा में शामिल हो गए थे। इस बार यानि 2022 सपा में आए और फाजिलनगर से चुनाव लड़ा। भाजपा के पूर्व विधायक गंगा सिंह कुशवाहा के बेटे सुरेंद्र कुशवाहा ने उन्हें हरा दिया।

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