सुपर-12 के ग्रुप-2 के मुकाबले में न्यूजीलैंड ने भारत को आठ विकेट से हरा दिया है। इस हार के साथ भारत के सेमीफाइनल में पहुंचने की उम्मीद लगभग खत्म हो चुकी है। टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करते हुए टीम इंडिया ने 20 ओवर में सात विकेट गंवाकर 110 रन बनाए। भारत इस अहम मुकाबले में किसी भी समय न्यूजीलैंड पर हावी नजर नहीं आया और केन विलियमसन ने टीम इंडिया के खिलाफ फटाफट क्रिकेट के वर्ल्ड कप में कभी ना हारने का रिकॉर्ड भी कायम रखा है। इस हार के साथ ही कोहली की सेना के लिए सेमीफाइनल के दरवाजे लगभग बंद हो चुके हैं। आइए आपको बताते हैं किन पांच वजहों से दुबई में मिली टीम इंडिया को शर्मनाक हार।
दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम के रिकॉर्ड को देखते हुए टॉस की भूमिका इस मैच में काफी अहम मानी जा रही थी। पाकिस्तान की तरह ही न्यूजीलैंड के खिलाफ भी टॉस के मामले में कोहली की किस्मत ने साथ नहीं दिया। केन विलियमसन ने मैदान के रिकॉर्ड को देखते हुए बिना कुछ सोचे पहले गेंदबाजी करने का फैसला कर लिया। दुबई में रनों का पीछा करते हुए आखिरी 16 टी-20 मैच में यह 15वीं जीत रही। टॉस अगर भारत के पक्ष में गिरता तो शायद मैच की कहानी और रिजल्ट दोनों कुछ और ही हो सकता था।
पाकिस्तान की तरफ इस मैच में भी भारत के टॉप ऑर्डर ने अपने प्रदर्शन से बेहद निराश किया। इशान किशन को हाथ आए मौके का फायदा नहीं उठा सके और 8 गेंदों का सामना करने के बाद सिर्फ 4 रन बनाकर पवेलियन लौटे। वॉर्मअप मैचों में गेंदबाजों की जमकर धुनाई करने वाले केएल राहुल का फ्लॉप शो लगातार दूसरी मैच में भी जारी रहा। रोहित शर्मा को पहली ही गेंद पर जीवनदान मिला, पर इसके बावजूद वह 14 रन बनाकर टीम को संकट में छोड़कर चलते बने। कप्तान कोहली भी 17 गेंदों का सामना करने के बाद महज 9 रन ही बना सके।
आउट ऑफ फॉर्म चल रहे हार्दिक पांड्या को विराट ने न्यूजीलैंड के खिलाफ भी मैदान पर उतारा। हार्दिक हालांकि एकबार फिर रनों के लिए जूझते नजर आए और 24 गेंदों का सामना करने के बाद 23 रन ही बना सके। टीम इंडिया के स्टार ऑलराउंडर का हाल इस कदर बेहाल रहा कि वह अपनी इस पारी के दौरान महज एक चौका जड़ सके और बॉल को टाइम करने के लिए जूझते रहे। आखिरी के ओवरों में हार्दिक से ताबड़तोड़ बैटिंग की आस लगाए बैठे फैन्स का दिल भी पांड्या ने तोड़ा और ट्रेंट बोल्ट की गेंद पर मार्टिन गप्टिल को कैच देकर चलते बने।
न्यूजीलैंड के खिलाफ इस बड़े मुकाबले में कप्तान कोहली ने महज एक खराब पारी को देखते हुए सूर्यकुमार यादव को प्लेइंग इलेवन से बाहर का रास्ता दिखा दिया और उनकी जगह पर इशान किशन के साथ जाने का फैसला किया। इशान तो टॉप में कुछ खास कमाल नहीं दिखा सके और मिडिल ऑर्डर में सूर्यकुमार की कमी टीम इंडिया को साफतौर पर खली। सूर्य को बैठाकर इशान को टीम में शामिल करने का फैसला हर किसी की समझ से परे रहा और यह निर्णय खुद विराट को भी काफी भारी पड़ा।
कप्तान विराट कोहली ने इस मैच में हर किसी को अपने बैटिंग ऑर्डर से चौंकाया और रोहित शर्मा को नंबर तीन पर खिलाने का फैसला किया। बतौर ओपनिंग जोड़ी भारतीय कप्तान ने केएल राहुल और इशान किशन की जोड़ी को मैदान पर उतारा। इशान-राहुल कैप्टन की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर सके और 2.5 ओवर में महज 11 रन ही जोड़ पाए। हिटमैन नंबर तीन पर कुछ खास कमाल नहीं दिखा सके और वह भी सिर्फ 14 रन बनाकर चलते बने। बैटिंग ऑर्डर में इस बदलाव से टीम इंडिया को फायदे से ज्यादा नुकसान झेलना पड़ा। नंबर तीन पर ना तो हिटमैन का बल्ला बोला और खुद विराट भी चौथे नंबर पर फेल रहे।