2008 की आर्थिक मंदी की सटीक भविष्यवाणी करने वाले अर्थशास्त्री ने कही-ये चौकानें वाली बात
2008 के वित्तीय संकट की सही भविष्यवाणी अर्थशास्त्री नूरील रूबिनी ने किया था। अब उन्होंने अमेरिका और विश्व स्तर पर 2022 के अंत में एक लंबी आर्थिक मंदी को लेकर चौंकाने वाली बात कही हैं। उनके अनुसार ये मंदी साल 2023 तक चल सकती है। रूबिनी मैक्रो एसोसिएट्स के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी रूबिनी ने सोमवार (19 सितंबर) को एक साक्षात्कार में कहा, "यहां तक कि एक सादे वेनिला मंदी में भी एसएंडपी 500 तीस प्रतिशत तक गिर सकता है।"
अर्थशास्त्री रूबिनी ने कहा कि अमेरिका में मंदी आने की उम्मीद करने वालों को निगमों और सरकारों के बड़े कर्ज अनुपात को देखना चाहिए। जैसे-जैसे दरें बढ़ती हैं और कर्ज चुकाने की लागत बढ़ती है। उन्होंने कहा, "कई ज़ोंबी संस्थान, ज़ोंबी घर, कॉरपोरेट, बैंक, छाया बैंक और ज़ोंबी देश खत्म वाले हैं।" रूबिनी, जिन्होंने बाजारों के जरिए से चेतावनी दी है कि वैश्विक कर्ज लेवल शेयरों को नीचे खींच लेंगे। उन्होंने कहा कि बिना हार्ड लैंडिंग के 2 प्रतिशत मुद्रास्फीति दर हासिल करना फेडरल रिजर्व के लिए मिशन असंभव होने जा रहा है। उन्हें मौजूदा बैठक में 75 आधार अंक और नवंबर और दिसंबर दोनों में 50 आधार अंकों की वृद्धि की उम्मीद है। इससे फेड फंड की दर साल के अंत तक 4 फीसदी से 4.25 फीसदी के बीच हो जाएगी।
फेड फंड की दर 4 फीसदी से 4.25 फीसदी के बीच होगी
इससे फेड फंड की दर साल के अंत तक 4 फीसदी से 4.25 फीसदी के बीच हो जाएगी। हालांकि, लगातार मुद्रास्फीति विशेष रूप से मजदूरी और सेवा क्षेत्र में इसका मतलब होगा कि फेड के पास शायद कोई विकल्प नहीं होगा। उन्होंने कहा, "धन की दरें 5 प्रतिशत की ओर जा रही हैं। उसके ऊपर महामारी, रूस-यूक्रेन संघर्ष और चीन की शून्य कोविड सहिष्णुता नीति से आने वाले नकारात्मक आपूर्ति के झटके उच्च लागत और कम आर्थिक विकास लाएंगे।
रूबिनी को क्या है उम्मीद?
रूबिनी को उम्मीद है कि आपूर्ति के झटके और वित्तीय संकट कितने गंभीर होंगे। वह इस बात पर निर्भर करती है कि अमेरिका और वैश्विक मंदी पूरे 2023 तक चलेगी। साल 2008 के आर्थिंक संकट के दौरान घरों और बैंकों के लिए सबसे कठिन दौर रहा। रूबिनी की नई किताब मेगाथ्रेट्स में उन्होंने 11 मध्यम अवधि के नकारात्मक आपूर्ति झटकों की पहचान की है, जो उत्पादन की लागत में वृद्धि करके संभावित विकास को कम करते हैं। इनमें वैश्वीकरण और संरक्षणवाद, चीन और एशिया से यूरोप और अमेरिका में विनिर्माण का स्थानांतरण, उन्नत अर्थव्यवस्थाओं और उभरते बाजारों में जनसंख्या की उम्र बढ़ने, प्रवास प्रतिबंध, अमेरिका और चीन के बीच विवाद, वैश्विक जलवायु परिवर्तन और महामारी शामिल हैं।
निवेशकों के लिए रुबिनी की सलाह
अर्थशास्त्री रूबिनी ने निवेशकों को सलाह दी है कि आपको इक्विटी पर हल्का होना चाहिए और अधिक नकदी होनी चाहिए। हालांकि मुद्रास्फीति से नकदी का खत्म होती है। इसका मूल्य नाममात्र का शून्य पर रहता है। जबकि इक्विटी और अन्य संपत्तियां 10 प्रतिशत, 20 प्रतिशत, 30 प्रतिशत तक गिर सकती हैं। फिक्स्ड इनकम में वह लंबी अवधि के बॉन्ड से दूर रहने और शॉर्ट टर्म ट्रेजरी या TIPS जैसे इन्फ्लेशन इंडेक्स बॉन्ड से इन्फ्लेशन प्रोटेक्शन जोड़ने की सलाह देते हैं।