शेयर बाजार में भारी गिरावट, कंपनियों के दिवालिया होने की आशंका क्यों जता रहे हैं एक्सपर्ट रजत शर्मा

Update: 2021-10-16 11:24 GMT

Stock Market News: शेयर बाजार में पिछले कुछ दिनों से लगातार तेजी का माहौल है। इस बीच बहुत से लोगों के दिमाग में शेयर बाजार की कमजोरी, बढ़ते वैल्यूएशन और देश की आर्थिक स्थिति के विपरीत कंपनियों के बाजार मूल्यांकन में तेज वृद्धि को लेकर चिंता बनी हुई है।

साना सिक्योरिटीज के सीईओ रजत शर्मा ने कहा है कि शेयर बाजार में भारी गिरावट आ सकती है और इसके पीछे कई ऐसी वजह हैं जिन्हें नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। रजत शर्मा ने कहा कि निफ्टी के 13000-14000 का लेवल पार करने के बाद से ही वह बाजार को लेकर चिंतित दिख रहे हैं।

महंगा हो गया शेयर बाजार

अगर शेयरों के वैल्यूएशन के हिसाब से देखा जाए तो आज भी बाजार बहुत महंगे लेवल पर पहुंच गया है। रजत शर्मा ने कहा कि अगर आप विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) या डोमेस्टिक इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर के अप्रैल से लेकर अब तक के आंकड़े देखें तो एफआईआई ने अब तक ₹65,000 करोड़ के शेयरों की बिकवाली की है जबकि डोमेस्टिक इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर ने ₹51,000 करोड़ के शेयर खरीदे हैं।

खुदरा निवेशक कर रहे भरपाई

इस तरह से करीब ₹14000 करोड़ का अंतर है जिसे खुदरा निवेशक भर रहे हैं। खुदरा निवेशकों की बाजार में इस बड़ी हिस्सेदारी को देखते हुए ही बाजार के नीचे जाने का डर सता रहा है। इस साल अप्रैल से अब तक शेयर बाजार में जोरदार तेजी दर्ज की जा रही है। अब तक 26 IPO अप्रैल के बाद से बाजार में सूचीबद्ध हो चुके हैं जिनमें से सिर्फ छह लिस्टिंग प्राइस से नीचे कारोबार कर रहे हैं। 20 आईपीओ लिस्टिंग प्राइस से बहुत ऊंचे लेवल पर काम कर रहे हैं। कई आईपीओ ने निवेशकों को 100 से 120 फ़ीसदी तक का रिटर्न दिया। अगर इसमें आपको कुछ गड़बड़ नजर नहीं आता तो यह आपकी दिक्कत है।

तरलता घटने के बाद क्या होगा?

रजत शर्मा ने कहा कि इस समय शेयर बाजार में भरपूर तरलता है। रिजर्व बैंक जमकर नोट छाप रहा है लेकिन कंपनियों की कमाई में कोई सुधार नहीं आया है। अगर कंपनियों की कमाई में थोड़ा बहुत सुधार आया भी तो है तो उसकी वजह पिछले साल का कमजोर बेस रहा है। रजत शर्मा ने कहा कि एक बार जब बाजार से तरलता कम होगी, तब कितनी कंपनियां दिवालिया होंगी, इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है।

मजबूत कंपनियों में करें निवेश

रजत शर्मा ने कहा कि अगर कोई निवेशक इंफोसिस और टाटा मोटर्स जैसी कंपनियों के शेयरों में निवेश करता है या अगर कोई निवेशक आईटीसी जैसी कंपनियों के शेयर खरीदता है तो उसमें चिंता वाली कोई बात नहीं है।

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