संघमित्रा के बयान से बीजेपी में ख़ुशी की लहर जबकि स्वामी प्रसाद मौर्य हैरान, क्यों कही बेटी ने ये बात!
शायद इसी को राजनीति कहते हैं. सच ही कहा गया है राजनीति में कुछ भी संभव है. ताजा मामला भी कुछ ऐसा ही है. बीजेपी छोड़कर सपा में शामिल हुए स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी संघमित्रा मौर्य ने कहा है कि वह अपने पिता स्वामी प्रसाद मौर्य के पक्ष में प्रचार नहीं करेंगी.
वह उस विधानसभा क्षेत्र में नहीं जाएंगी जहां से उनके पिता चुनाव लड़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि उनके ऊपर किसी तरह का दबाव नहीं है. उनके पिता ने पार्टी छो़ड़ने से पहले मुझसे कोई चर्चा भी नहीं की.
स्वामी प्रसाद मौर्य मतदान के पहले बीजेपी छो़ड़कर सपा में शामिल हो गए थे. उस समय मीडिया में ये बात सामने आई थी कि स्वामी प्रसाद के मौर्य का बीजेपी छोड़ना उसी समय निश्चित हो गया था जब लखनऊ के एक कार्यक्रम में संघमित्रा मौर्य को बोलने से रोक दिया गया था. उस कार्यक्रम में संघमित्रा मौर्य के समर्थकों ने नारे लगाना शुरू कर दिया था. इसके बाद कह गया था कि संघमित्रा नाराज हो गई हैं.
हालांकि जब मौर्य ने बीजेपी छोड़ी तो इस बात के कयास लगाए जा रहे थे कि जल्द ही संघमित्रा भी बीजेपी छोड़कर सपा में शामिल हो जाएंगी लेकिन उन्होंने इस पर ये कहकर विराम लगा दिया कि वह बीजेपी छोड़कर कहीं नहीं जाएंगी. वह बीजेपी में थी और बीजेपी में ही रहेंगी.
हालांकि अभी हाल में जब अपर्णा यादव बीजेपी में शामिल हुई थी तो उन्होंने जरूर कटाक्ष किया था कि वह दलित की बेटी हैं इसलिए उनको सवालों के घेरे में क्यों बार बार खड़ा किया जाता है. अब एक बार फिर उन्होंने इस बात को साफ कर दिया है कि वह बीजेपी में ही रहेंगी और यहां से कहीं जाने वाली नहीं हैं. इसकी एक वजह ये भी हो सकती है कि वह बदायूं से सांसद हैं और बदायूं से सपा के धर्मेंद्र यादव लड़ते हैं. ऐसे में अगर वह बीजेपी छो़ड़कर सपा में जाती हैं तो उन्हें बदायूं सीट छोड़नी पड़ सकती है.