सीएम योगी के नामांकन आज, 4 प्रस्तावकों में दलित, ब्राह्मण, कायस्थ और वैश्य,जानिए चारों प्रस्तावकों के बारे में
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज गोरखपुर से अपना नामांकन कर रहे हैं। वह पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ रहे हैं। इस मौके पर उनकी सोशल इंजीनियरिंग भी देखने को मिल रही है। उनके नामांकन के चार प्रस्तावकों में दलित, ब्राह्मण, कायस्थ और वैश्य समाज के लोग हैं।
चैंबर ऑफ इंडस्ट्रीज गोरखपुर के पूर्व अध्यक्ष सुरेंद्र कुमार अग्रवाल, महात्मा गांधी इंटर व पीजी कॉलेज के प्रबंधक मंकेश्वर नाथ पांडेय, रैदास मंदिर समिति के अध्यक्ष विश्वनाथ प्रसाद, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष डॉ मंगलेश श्रीवास्तव को सीएम योगी के तरफ से दाखिल अलग-अलग सेट के नामांकन पत्र में प्रस्थापक या प्रस्तावक बनाया गया है। जबकि महाराणा प्रताप इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ अरुण कुमार सिंह विधानसभा चुनाव के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इलेक्शन एजेंट होंगे।
जानिए चारों प्रस्तावकों के बारे में
वैश्य समाज से आने वाले सुरेंद्र कुमार अग्रवाल चैंबर ऑफ इंडस्ट्रीज के कई बार अध्यक्ष रह चुके हैं। वह स्थानीय स्तर पर उद्यमियों के सर्वमान्य प्रतिनिधि माने जाते हैं। आईआईटी रुड़की से केमिकल इंजीनियरिंग की डिग्री लेने वाले अग्रवाल उद्यमी हैं और गीडा में उनकी अपनी केमिकल प्रोडक्ट की यूनिट है। वह योगी के संसदीय जीवन के प्रारंभ से ही उनके साथ जुड़े हुए हैं। गोरखपुर में रेडीमेड गारमेंट की ओडीओपी में शामिल कराने और गीडा में रेडीमेड गारमेंट पार्क की स्थापना को लेकर अग्रवाल के सुझावों पर मुख्यमंत्री ने निर्णायक मुहर लगाई है।
मंकेश्वर नाथ पांडेय उस नेशनल एजुकेशनल सोसाइटी के प्रबंधक हैं जो एमजी इंटर कॉलेज, पीजी कॉलेज समेत कई शिक्षण संस्थानों का संचालन करती है। ब्राह्मण और कायस्थ दोनों समाजों का प्रतिनिधित्व करने वाले मंकेश्वर नाथ गोरक्षपीठ के सामाजिक अभियानों में सहभागी बनते रहे हैं। एक शिक्षाविद के रूप में उनकी ख्याति पूरे पूर्वी उत्तर प्रदेश में है। वह वर्ष 2007 में खुद भी शहर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ चुके हैं और अपनी पारिवारिक और सामाजिक पृष्ठभूमि से ब्राह्मणों और कायस्थों में खासे लोकप्रिय हैं।
रैदास मंदिर समिति के अध्यक्ष विश्वनाथ प्रसाद सीएम योगी के नामांकन के लिए एक सेट प्रपत्र के प्रस्तावक हैं। अनुसूचित जाति से आने वाले विश्वनाथ समाजिक समरसता की उसी विचारधारा के प्रतिनिधि हैं जिसे गुरू गोरक्षनाथ, उनके उपासकों और संत रैदास ने अपने जीवन का मूल मंत्र बनाया। विश्वनाथ प्रसाद गोरक्षपीठ और उसके महंतों के छुआछुत और सामाजिक भेदभाव समाप्त करने के अभियान से न केवल प्रभावित हैं बल्कि खुद भी उससे जुड़े हुए हैं। उन्हें अनुसूचित वर्ग के लोगों में सामाजिक चेतना के लिए अभियान चलाने के लिए भी जाना जाता है।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष और मशहूर पैथॉलॉजिस्ट डॉ मंगलेश श्रीवास्तव महानगर में सामाजिक सरोकारों के निर्वहन के लिए भी जाने जाते हैं। उनकी कायस्थ समाज में मजबूत पैठ तो है ही, संस्कार भारती जैसे संगठन से जुड़कर वह समाज के हर वर्ग की प्रतिभाओं को मंच देने में अपनी भूमिका निभाते रहे हैं। डॉ मंगलेश का भी गोरक्षपीठ के सामाजिक प्रकल्पों से गहरा जुड़ाव रहा है। वह चिकित्सक समुदाय के बीच भी खासे लोकप्रिय हैं।
इन चार प्रस्तावकों के अलावा महाराणा प्रताप इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ अरुण कुमार सिंह को सीएम योगी के चुनाव के लिए इलेक्शन एजेंट की जिम्मेदारी दी गई है। जातीय आधार पर ओबीसी से ताल्लुक रखने वाले डॉ सिंह की गिनती श्रेष्ठ शिक्षकों में होती है। उन्हें शैक्षिक अनुसाशन और प्रबंधन के लिए सराहा जाता है।