अरुण चन्द्रा
गाजियाबाद। जनपद की लगातार बढ़ती आबादी और अपराध की हालात को देखते हुए गाजियाबाद पुलिस ने यूपी सरकार के निर्देश पर चार नए थानों के लिए प्रस्ताव तैयार किया है। यह चारों नए थाने विजय नगर में क्रासिंग रिपब्लिक, इंदिरापुरम में नीतिखंड, ट्रोनिका सिटी में अंकुर विहार और मसूरी में वेवसिटी में बनेंगे। प्रस्ताव पर शासन की मुहर लगने के साथ ही इन थानों के गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
पुलिस के कमांड कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक पिछले दिनों शासन ने आबादी और रकबे के हिसाब से नए थानों के गठन के लिए प्रस्ताव मांगा था। इसके जवाब में गाजियाबाद पुलिस ने चारों थानों का प्रस्ताव बनाया था। यह चारों नए थाने विजय नगर में क्रासिंग रिपब्लिक, इंदिरापुरम में नीतिखंड, ट्रोनिका सिटी में अंकुर विहार और मसूरी में वेवसिटी में बनेंगे। प्रस्ताव पर शासन की मुहर लगने के साथ ही इन थानों के गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
इसमें विजय नगर की सेक्टर चौकी में थाना क्रासिंग रिपब्लिक बनेगा जिसमें सेक्टर ९ पुलिसचौकी शामिल रहेगी, इंदिरापुरम की नीतिखंड चौकी में थाना नीतिखंड बनेगा जिसमें नितिखंड, शिप्रा सन सिटी, अभय खंड और कनावनी पुलिस चौकी शामिल होगी, लोनी/ट्रोनिका सिटी के अंकुर विहार में चौकी डीएलएफ , खन्ना नगर , डाबर तालाब विजय विहार शामिल होंगी, और मसूरी के वेबसिटी में थाना में चौकी डासना , दुधिया पीपल और लालकुआं शामिल होंगी। इन थानों का क्षेत्राधिकार और आबादी निर्धारण के लिए एसएसपी पवन कुमार ने 22 अक्तूबर को संबंधित क्षेत्राधिकारियों को निर्देश दिया था।
50 हजार की आबादी पर बनेगा एक थाना
एसएसपी ने क्षेत्राधिकारियों को जारी दिशा निर्देश में बताया कि शहरी क्षेत्र में थाने का निर्धारण 50 हजार की आबादी पर होगा। जबकि ग्रामीण क्षेत्र में 75 से 90 हजार की आबादी पर थाने का गठन होगा।
शासन ने मांगी थी 13 बिंदुओं परसूचना
एसएसपी ने बताया कि संबंधित क्षेत्राधिकारियों से प्रत्येक थाने के संबंध में 13 बिंदुओं पर रिपोर्ट मांगी गई थी। इसमें मुख्य रूप से थाने के लिए जगह, जमीन, थाने का क्षेत्राधिकार, इसकी चौकियों का विवरण शामिल है।
सिरे नहीं चढ़ा शालीमार गार्डन का प्रस्ताव
करीब डेढ़ साल पहले शासन से शालीमार गार्डन थाने के लिए भेजे प्रस्ताव पर मुहर लग गई थी। तत्काली वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कलानिधि नैथानी ने इस थाने के गठन के लिए पूरा जोर भी लगा लिया, लेकिन थाने के लिए भूमि या भवन की व्यवस्था नहीं हो पाने की वजह से यह प्रस्ताव अधर में लटक गया।