कबाड़ में बिक रहे, उज्जवला योजना के सिलेंडर

अब आलम ये है कि उज्जवला के सिलेंडर कबाड़ में बिकने लगे हैं, योजना के साथ जो चूल्हा मिला था वो भी भूसे के ढेर के बीच कबाड़ में पड़ा है

Update: 2021-10-25 11:28 GMT

नई दिल्ली: दिन प्रति दिन बढ़ रहीं महंगाई ने लोगों की कमर तोड़ दी है अब हालात ये है कि लोगों को अपना घर खर्च चलाना मुश्किल हो रहा है। सब्जी से लेकर ईंधन तक सबकी कीमत आसमान छु रहीं है। ये महंगाई लोगों को इस कदर परेशान कर रहीं है कि लोगों ने अपने घरों से गैस सिलेंडर ही कबाड़ में बेचना शुरू कर दिया है।

अब आलम ये है कि उज्जवला के सिलेंडर कबाड़ में बिकने लगे हैं, योजना के साथ जो चूल्हा मिला था वो भी भूसे के ढेर के बीच कबाड़ में पड़ा है। योजना के लाभार्थी वापस गोबर के कंडे और लकड़ी जलाकर चूल्हा सुलगा रहे हैं। करें भी तो क्या। सिलेंडर के दाम 925 से 1050 रुपये के आसपास हैं, जो इनकी पहुंच से दूर हैं। वहीं सिलेंडर सप्लाई करने वाले ड्राइवर बताते हैं कि सिलेंडर इतना महंगा हो गया, उस चक्कर में ग्राहक लेने नहीं आ पाते हैं, क्योंकि पैसे की व्यवस्था ही नहीं हो पाती।

कबाड़ में सिलेंडर मिलने पर ज़िला आपूर्ति अधिकारी  नियमानुसार कार्रवाई की बात कर रहे हैं, हालांकि कनेक्शन वापसी के सवाल पर वो चुप्पी साध लेते हैं, उन्होंने बताया कि ऐसी जानकारी नहीं है कि सिलेंडर कबाड़ में बेचे गये हैं। कंपनियों को निर्देशित कार्रवाई करने के लिये बताएंगे।

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