रूस-यूक्रेन के बीच जंग 37वें दिन में पहुंच चुकी है। रूसी योजना के मुताबिक, यह जंग 24 फरवरी को हमला करने के एक सप्ताह के अंदर खत्म हो जानी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। यूक्रेन की सेना ने न केवल रूस को करारा जवाब दिया, बल्कि ऐसी भी खबरें सामने आईं, जिसमें रूसी सेना उल्टे पांव भागते नजर आई।
हालांकि, ऐसा पहली बार हुआ है कि यूक्रेन की सेना ने अब रूसी सीमा में घुसकर पलटवार किया है। खबरों के मुताबिक, यूक्रीन हेलीकॉप्टरों ने शुक्रवार को रूस के एक तेल डिपो पर एयरस्ट्राइक की। इसकी पुष्टि रूस के गवर्नर की ओर की गई है। यूक्रेन की सीमा से महज 30 किलोमीटर दूर रूसी शहर बेल्गोरोद पर यूक्रेन की ओर से एयरस्ट्राइक की गई है। इस शहर के गवर्नर ने बताया कि, तेल डिपो पर यूक्रेन के हेलीकॉप्टरों द्वारा हमला किया गया। रूसी मीडिया की ओर से इस हमले के वीडियो और फोटो भी जारी किए गए, जिसमें तेल डिपो धूं-धूंकर जलता दिखाई दिया।
यूक्रेन ने अब तक रूस के इस दावे को लेकर कोई रिएक्शन नहीं दिया है। हालांकि रूस के दावे पर पश्चिमी देश सवाल उठा रहे हैं। दरअसल बीते सप्ताह देश से निर्वासन झेल रहे रूसी राजनेता ने दावा किया था कि पुतिन सरकार खुद ही रूस के कुछ शहरों में हमले करा सकती है। इसके जरिए वह यह संदेश देने का प्रयास करेगी कि यूक्रेन ने आक्रामकता दिखाते हुए उसके इलाके में हमला किया है और ऐसे में उसका यूक्रेन पर अटैक करना गलत नहीं है। इलिया पोनोमारेव ने दावा किया था कि रूस अपनी ही केमिकल और वेपन फैक्ट्रियों में अटैक कर सकता है। इसमें नागरिकों की भी मौत हो सकती है।
गौरतलब है कि यूक्रेन ने रूस की सेनाओं से दो इलाकों का कब्जा छुड़ाने की बात कही है। यूक्रेन का कहना है कि उसने रणनीतिक तौर पर अहम स्लोबोडा और लुकाशिवका गांवों पर कब्जा जमा लिया है। ये गांव रणनीतिक रूप से अहम हैं और सप्लाई रूट के बीच में पड़ते हैं। वहीं रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बेलारूस के जरिए यूक्रेन में सैनिकों को भेजना तेज कर दिया है। इसके अलावा रूस का मुख्य फोकस डोनबास इलाके पर कब्जा जमाने पर है। इसी के चलते माना जा रहा है कि रूस की कोशिश यूक्रेन को कोरिया की तरह दो टुकड़ों में बांटने पर है।