रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध का आज चौथा दिन है। यूक्रेन के आंतरिक इलाकों में रूस की सेना प्रवेश कर गई है और तबाही मचा रही है। रूस की सेना ने यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े शहर खारकीव में एक गैस की पाइपलाइन उड़ा दी। वही रुस के रोकने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने बड़ा बयान दिया.
उन्होने कहा कि, रूस को रोकने के दो ही विकल्प हैं। पहला यह कि, रूस से सीधे तौर पर युद्ध लड़ा जाए और तीसरे विश्व युद्ध की शुरुआत की जाए। या फिर दूसरा विकल्प यह है कि, यह सुनिश्चित किया जाए कि जो भी देश अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन करेगा, उसे इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि, प्रतिबंधों का एक मात्र विकल्प तीसरा विश्व युद्ध ही होगा। उन्होंने कहा कि, जो भी प्रतिबंध लगाए गए हैं, उनका व्यापक असर होगा।
रूस पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए गए हैं। इसमें कई आर्थिक व व्यवसायिक प्रतिबंध शामिल हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा है कि, इन प्रतिबंधों का व्यापक असर होगा। इस बीच अमेरिका, यूरोपीय संघ और ब्रिटेन ने रूस के सेंट्रल बैंक को भी प्रतिबंधित कर दिया है। वहीं अमेरिका व उसके सदस्यों द्वारा रूस को स्विफ्ट सिस्टम से भी बैन करने पर सहमति बन गई है। अगर, ऐसा होता है तो रूस अंतरराष्ट्रीय लेनदेन से पूरी तरह से कट जाएगा और इसका व्यापक असर देखने को मिलेगा। हालांकि, इसकी प्रतिक्रिया में रूस कच्चे तेल की सप्लाई को रोक सकता है, जिसका नतीजा यूरोप में भारी ऊर्जा संकट के रूप में देखने को मिलेगा।
जर्मनी ने बंद किया एयरस्पेस
यूक्रेन की मदद के लिए जर्मनी भी आगे आया है। उसने यूक्रेन को कई हथियार, टैंक व रॉकेट दिए हैं। इसके अलावा जर्मनी ने रूस को अपना एयरस्पेस इस्तेमाल करने से भी रोक दिया है।
यूक्रेन का दावा, रूस की सेना को पहुंचाया बड़ा नुकसान
एक तरफ रूस आक्रमण कर रहा है तो दूसरी तरफ यूक्रेन ने भी दावा किया है कि उसने 3500 रूसी सैनिकों, 14 विमानों औऱ 8 हेलिकॉप्टरों को ढेर कर दिया है। यूक्रेन ने विमान गिराने की तस्वीरें भी जारी की हैं। रात में यूक्रेन और रूस के बीच का युद्ध और भी भीषण हो गया था।
कीव में शनिवार को कुछ जगहों पर गोलीबारी हुई। इस युद्ध में यूक्रेन में पुलों और इमारतों को भी नुकसान पहुंचा है। यूक्रेन में बहुत सारे आम नागरिक भी रूसी सेना के खिलाफ कमर कस चुके हैं। उनका कहना है कि रूस की सेना बेकसूर लोगों पर वार कर रही है। वहीं रूस का दावा है कि वह केवल सैन्य ठिकानों को ही निशाना बना रहे हैं।
यूक्रेन से लोग अपना घर बार छोड़कर दूसरे देशों में पलायन कर रहे हैं। यूक्रेन से लगभग 1 लाख 20 हजार लोग पोलैंड, मोल्दोवा और अन्य पड़ोसी देश जा चुके हैं।