VIDEO : उत्तराखंड में भारी बारिश से आफत, उफनती नदियां, टूटते पुल और गिरते मकान...
उत्तराखंड में आसमान से ऐसी आफत बरस रही है कि जमीन पर त्राहिमाम मचा है.
उत्तराखंड में बीते दो दिनों से लगातार हो रही बारिश के बाद पूरे प्रदेश में तबाही मची है. मौसम विभाग (IMD) ने आज यानी 19 अक्टूबर के लिए भी भारी बारिश (Heavy Rainfall) का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. कई जिलों में भारी बारिश के साथ ही उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर, पिथौरागढ़ के 3500 मीटर से ऊंचे इलाकों में बर्फबारी की भी चेतावनी है.
इस बीच प्रशासन ने चारधाम यात्रा के लिए आए तीर्थयात्रियों को हरिद्वार और ऋषिकेश में रोक दिया है. मौसम साफ होने के बाद ही उन्हें केदारनाथ, बदरीनाथ के लिए रवाना किया जाएगा. भारी बारिश से सड़कों पर बाढ़ जैसे हालात हैं. सब कुछ पानी में बहता दिखाई दे रहा है.
उत्तराखंड में आसमान से ऐसी आफत बरस रही है कि जमीन पर त्राहिमाम मचा है. बारिश के बीच पानी के तेज बहाव की वजह से नदियां उफान पर हैं. ऋषिकेश में जहां गंगा की लहरें गोता लगा रही हैं, वहीं नैनीताल में झील का पानी माल रोड तक आ पहुंचा है. गंगा और उसकी सहायक नदियां रौद्र रूप में हैं.
उफनती गंगा ने ऋषिकेश के घाटों को अपनी आगोश में ले लिया है. खतरे के निशान को पार कर चुकी गंगा इस कदर डरा रही है कि प्रशासन की नींद उड़ गई है. एहतियातन गंगा के किनारे रह रहे लोगों से कह दिया गया है कि जान बचाने के लिए सुरक्षित इलाकों में चले जाएं.
उत्तराखंड में नैनीताल के गरमपानी की शिप्रा नदी ने कहर बरपा रखा है. अमूमन शांत रहने वाली शिप्रा नदी के विकराल रूप ने नदी किनारे रहने वालों के होश उड़ा दिए हैं. लोगों के घरों के भीतर पानी भर गया है. हालात को देखते हुए क्षेत्रीय निवासियों के बीच काफी डर का माहौल बना हुआ है. प्रशासन लगातार क्षेत्र की मॉनिटरिंग कर रहा है. आपदाग्रस्त लोगों को तहसील और राजकीय इंटर कॉलेज में अस्थाई आशियाना दिया जा रहा है.
उत्तराखंड में मौसम विभाग (IMD) के हाई अलर्ट के बाद से ही आफत बनी बारिश ने प्रदेश में जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है. उत्तराखंड के हालात पर पीएम मोदी ने सीएम पुष्कर सिंह धामी से टेलीफोन पर हालात की जानकारी ली है. बता दें कि उत्तराखंड में भारी बारिश से अब तक 5 लोगों की जान जा चुकी है. इस बीच अगले 24 घंटे भी भारी बारिश का अलर्ट है.
खराब मौसम को देखते हुए चारधाम यात्रा रोक दी गई है. पहाड़ दरकने की वजह से बदरीनाथ मार्ग छह जगहों पर बाधित है. इसके अलावा श्रीनगर-गढ़वाल एनएच 58 को भी लैंडस्लाइड की वजह से बंद करना पड़ा है.