वाराणसी में कारोबारी से लूटे थे 8 लाख, सगरना समेत छह गिरफ्तार, लुटेरों ने बताया लूट का तरीका
वाराणसी के कबीरचौरा में दिनदहाडे़ किराना कारोबारी से आठ लाख रुपये लुटने वाले अंतरराज्यीय गिरोह के सरगना समेत छह बदमाशों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इनके पास से लूट के सात लाख रुपये, घटना में प्रयुक्त दो बाइक और एक एसयूवी बरामद की गई है।
बड़ी पियरी मार्ग पर 24 मार्च को खरीदारी करने आये तबरेज अहमद को बाइक सवार लुटेरों ने रोका। खुद को पुलिस का जवान बताकर असलहा चेकिंग करने के नाम पर बैग से तीन लाख रुपये और कमर में बांधकर रखे पांच लाख रुपये लेकर भाग निकले थे। पुलिस ने शहर के कैमरों के अलावा बिहार और पश्चिम बंगाल की ओर जाने वाले डेढ़ दर्जन टोल प्लाजा खंगाले, जिसके जरिये इनकी पहचान हो सकी।
भोपाल समेत देश के अन्य शहरों में छापा मारकर पुलिस ने बदमाशों को सुबह गिरफ्तार किया है। पुलिस आयुक्त ए. सतीश गणेश के मुताबिक, पूछताछ के बाद पुलिस आज इन बदमाशों को कोर्ट में पेश करेगी, जहां से सभी जेल भेजे जाएंगे।
इस गिरोह के डॉक्यूमेंटेशन के लिए पुलिस की एक टीम भोपाल भेजी जा रही है। भोपाल में पुलिस इस पूरे नेटवर्क का क्राइम डाटा कलेक्ट करेगी। ईरानी गैंग का सरगना अबू हैदर भोपाल का रहने वाला है। गिरफ्तार लुटेरों में सरगना भोपाल रेलवे स्टेशन के निकट संजय नगर कॉलोनी निवासी अबू हैदर अली (लखनऊ के हुसैनाबाद ठाकुरगंज), मेहंदी हसन (मूल पता हरदोई के मोहल्ला अंसार गंज), राजस्थान के अजमेर के रोजा का तालाब निवासी इमरान अली बेग, भोपाल रेलवे स्टेशन के निकट संजय नगर कॉलोनी निवासी मेहंदी हसन (मूल पता हरदोई के मोहल्ला अंसार गंज), महाराष्ट्र के ठाणे के शांतिनगर थाने के जब्बार कंपाउंड निवासी गुलाम जाकिर, आंध्र प्रदेश के चितूर के वियलपाड़ निवासी सैयद अबूधरब अली, मध्यप्रदेश के सिहोर के लाल मस्जिद के पलटन एरिया निवासी मो. कासिम हैं।
पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश ने गिरोह का भंडाफोड़ करने वाली टीम को 50 हजार रुपये का इनाम देने की घोषणा की है।
पुलिस बनकर लूट, एक शहर में दो दिन टिकते थे
पूछताछ में लुटेरों ने बताया कि उनके लूट का तरीका एक जैसा है। पुलिस बनकर लोगों को अरदब में लेकर रोकते थे। चेकिंग के नाम पर रुपये, गहने लूटकर भाग जाते थे। चूंकि शरीर से हट्टे-कट्टे होने के कारण लोग पुलिस वाला समझकर सहम जाते थे। इसका ये फायदा उठाते थे। ये एक शहर में दो दिन से अधिक नहीं टिकते थे। लूट व उचक्कागीरी के बाद दूसरे प्रदेश में भाग निकलते थे।