केदारनाथ। बीते रोज केदारनाथ विधायक मनोज रावत के साथ हैलीपेड में हाथापाई हुई, ज्यादातर लोगों ने इस पूरी घटना की निन्दा की, वही कई ऐसे लोग भी थे, जिन्होने घटना की तह को जाने बिना ही इस प्रकरण में भी केदारनाथ विधायक को घेरने में कोई कसर नही छोड़ी।
इसका एक कारण यह भी हो सकता है कि बेहत शान्त स्वाभव हर बात को नाप-तोल कर नियमसंगत ढ़ग से काम करने व विवादों से हमेशा दूर रहने वाले के लिए जाने जाने वाले केदारनाथ विधायक के खिलाफ उनके विरोधियों को मौका जो मिल गया, खैर हम आपको केदारनाथ विधायक की इस परे घटना के सम्बन्ध्ध में पुलिस महानिरीक्षक, अभिसूचना को भेजे पत्र को दिखाते हैं, जिसमें विधायक ने अदेशा जताया है कि प्रशासन ने जानबूझ कर उनके खिलाफ षड़यत्र किया हो।
विधायक मनोज रावत का पुलिस महानिरीक्षक, अभिसूचना का पत्र
श्री संजय गुंज्याल, आई0पी0एस0
पुलिस महानिरीक्षक, अभिसूचना,
उत्तराखंड।
कल 9.17 प्रातः श्री बी डी सिंह जी , ।ब्म्व् चार धाम देवस्थानम बोर्ड ने मुझे अबिलम्ब माननीय मुख्यमंत्री जी की बैठक हेतु केदारनाथ आने का आग्रह किया मैने उन्हें जिला या राज्य प्रशासन के किसी वरिष्ठ अधिकारी द्वारा कहलाने के लिए कहा तो उनके फोन से आपने मुझे अभिलंब माननीय मुख्यमंत्री उत्तराखंड के साथ बैठक हेतु केदारनाथ पहुंचने का आग्रह किया गया । मुझे पता है कि आप प्ळ पदजमससपहमदबम हैं और आपको इस तरह के महत्वपूर्ण समय में किसी को अनोपचारिक रूप से आमंत्रित करने का अधिकार प्राप्त है। मुझे बाद में पता चला कि जब आपने मुझे बैठक हेतु आमंत्रि किया तो वँहा पर उस समय केदारनाथ जी के सभी तीर्थ पुरोहित मौजूद थे ।
मैंने भी तुरंत अपने आवास चंद्रापुरी से केदारनाथ जाने की तैयारी कर दी। इस बीच मेरे मेरे साथ तैनात स्टाफ से रुद्रप्रयाग जिले के एलआईयू इंस्पेक्टर की वार्ता हुई कि , माननीय विधायक केदारनाथ जी को केदारनाथ बुलवाने के लिए अगस्तमुनि या चंद्रापुरी विशेष हेलीकॉप्टर भेजा जा सकता है । मैंने कहा कि उन्हें कह दो कि विशेष हेलीकॉप्टर मत भेजिये गुप्तकाशी नजदीक है हम वहां से हेलीकॉप्टर लेकर बैठक हेतु केदारनाथ पंहुच जाएंगे । मैं 9रू57 के लगभग जब गुप्तकाशी से पहले सेमी गांव में जब पहुंचा तो मैंने आपको(श्री गुंज्याल) को और श्री बी डी सिंह को फ़ोन कर उस नजदीकी हेलीपैड जिससे मुझे केदारनाथ जाना है की जानकारी हेतु फ़ोन करना शुरू किया । जब कई बार फ़ोन करने पर भी फ़ोन नहीं उठा तो मैंने मेरे साथ केदारनाथ साथ चल रहे जिला पंचायत सदस्य श्री गणेश तिवारी जी से हउअद में मौजूद जिला हेली नोडल अधिकारी श्री नौटियाल से सबसे नजदीकी हेलीपैड जिससे मुझे केदारनाथ से उड़ना है था में संदेश भेजने के लिए कहा गया। उन्होंने पवन हंस जाने के लिए कहा । मैं और श्री गणेश तिवारी 10.05 के लगभग पवन हंस पंहुच गए। जंहा लगभग 1 घंटे खड़े रहे । वँहा मौजूद पुलिस और स्थानीय प्रशासन के किसी अधिकारी और कर्मचारी को मेरे केदारनाथ जाने और माननीय मुख्यमंत्री की बैठक में सम्मलित होने के बिषय में पता नही था। 1 घंटे हेलीपैड पर इंतजार के दौरान मेरे सामने पुलिस के कांस्टेबल ,फॉलवेर्स आदि लगभग 5 -6 उड़ानों में केदारनाथ गए । मैं लगभग एक घंटा पवन हंस हेलीपैड पर रुका इस बीच मैंने आपको तथा श्री वी डि सिंह को लगभग 20 से 25 कॉल की आप दोनों लोगों ने फोन नहीं उठाया फिर आपका फोन आया कि आपको पवन हंस से केदारनाथ भेजने की बात करते हैं । इस बीच हेली कंपनी के का मैनेजर और उसके साथी कर्मचारी मुझसे अपमानजनक व्यवहार करने लगे मेरे साथ मिलकर अभद्र व्यवहार किया हाथापाई करने की कोशिश की गई और मेरी उंगली दांत से काट दी ।
मैं यह समझ नहीं पाया हूं कि एक तरफ आप लोगों (सरकार) के द्वारा त्योहार के दिन और जब मैं अपने नजदीकी रिश्तेदार के दाह-संस्कार में जा रहा था तब जल्दी माननीय मुख्यमंत्री जी की बैठक विशेष हेलीकॉप्टर भेज कर केदारनाथ बुलानेकी बात की जा रही थी और दूसरी तरफ मैं स्वयं जब गुप्तकाशी पहुंचा और डेढ़ घंटे के अंतराल में वहां वहां हेलीपैड से पुलिस के सिपाही तथा फॉलोअर्स मेरे सामने कई बार हेलीकॉप्टर से केदारनाथ गए । लेकिन पुलिस महानिरीक्षक के आग्रह पर मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री की बैठक हेतु केदारनाथ जा रहे विधायक केदारनाथ के केदारनाथ जाने के बारे में किसी को कोई सूचना नहीं थी साथ ही आपने और श्री बी डी सिंह ने मेरे लगभग 25 फ़ोन कॉल का जबाब नही दिया । मेरा मानना है कि यह मेरे, केदारनाथ जी की जनता और चार धामों के हक-हकूक धारियों तथा पूरे सनातनियों के साथ कोई बड़ा षड़यंत्र था । क्योंकि जिस बैठक हेतु मुझे बुलाया गया था उसमें केदारनाथ जी और चार धाम देवस्थानम बोर्ड के बारे में सम्भवतः बड़े निर्णय होने थे।
क्योंकि जिला नोडल अधिकारी हेलीकॉप्टर / जिला पर्यटन अधिकारी रुद्रप्रयाग के अथवा पुलिस द्वारा उसी हेलीकॉप्टर कंपनी से 1 घंटे में मेरे सामने कई कर्मचारियों ने उड़ान भरी और एक विधायक को बुला कर उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया हो ये बिना उच्च स्तरीय संरक्षण के संभव नही है। इसलिए जिला पर्यटन अधिकारी तथा अन्य कर्मचारियों और कंपनी की भूमिका की जांच की जानी आवश्यक है । मैं हमेशा केदारनाथ जी टिकट खरीद कर जाता हूँ और कंपनियों की दलाली व गुंडागर्दी का विरोध करता हूँ इसलिए मेरे साथ आपराधिक घटना की गई।
इन सभी मामलों की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए , तभी जन प्रतिनिधि भविष्य में सरकार का सहयोग कर पाएंगे या अधिकारियों के मौखिक आग्रह पर अपना सम्मान बचाते हुए बैठकों में आ पाएंगे।
भवदीय,
मनोज रावत,
विधायक, केदारनाथ ।