क्या है G20, जिसके लिए सज रही है दिल्ली, कैसे हुई थी इसकी स्थापना, यहां जानिए जी-20 के बारे में सबकुछ
जी20 का शिखर सम्मेलन 9 और 10 सितंबर को नई दिल्ली में आयोजित होने जा रहा है। क्या आप जानते हैं क्या है जी-20 नहीं, अगर नहीं तो पढ़िए यह खबर...
G20: दिल्ली में होने जा रहे जी-20 को लेकर तैयारियां जोरों पर है। जी-20 समिट के दौरान राजधानी दिल्ली में बहुत सारी पाबंदी लगाई गयी है। 7 सितंबर को अमेरिकी राष्ट्रपति भी जी-20 समिट में भाग लेने भारत आ रहे हैं। विदेशी मेहमानों के स्वागत के लिए दिल्ली को दुल्हन की तरह सजाया गया है। इसके साथ ही मेहमानों की सुरक्षा को लेकर भी कड़े इंतजाम किए गए हैं। आपको बता दें कि G-20 की 18वीं समिट 9 और 10 सितंबर को होने जा रही है। इस साल भारत पहली बार G-20 की मेजबानी करने जा रहा है। ग्लोबल इकोनॉमी में करीब 80 फीसदी से ज्यादा का प्रतिनिधित्व करने वाले जी-20 की अध्यक्षता करना भारत के लिए एक बड़ा मौका है। आइए आपको बताते हैं कि क्या है जी-20, कौन से देश हैं इसका हिस्सा और ये क्या काम करता है।
क्या है जी-20
G-20 को ग्रुप ऑफ ट्वेंटी कहा जाता है, इस समूह के 19 देश सदस्य हैं, ग्रुप का 20वां सदस्य यूरोपीय संघ है। जी-20 समिट का आयोजन साल में एक बार होता है, हालांकि 2008 से शुरुआत के बाद 2009 और 2010 साल में जी-20 समिट का आयोजन दो-दो बार किया गया था। इस सम्मेलन में ग्रुप के सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्ष को बुलाया जाता है और कुछ अन्य देशों को भी बुलाया जाता है। इसके बाद सभी देशों के राष्ट्राध्यक्ष बैठकर कई मुद्दों पर चर्चा करते हैं। भारत की अध्यक्षता में इस साल जी-20 सम्मेलन दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित होने जा रहा है।
कौन-कौन से देश हैं जी-20 के सदस्य
जी-20 को सबसे बड़ा वैश्विक संगठन माना जाता है। इसके सदस्य देशों में भारत के अलावा फ्रांस, चीन, कनाडा, ब्राजील, ऑस्ट्रेलिया, अर्जेंटीना, अमेरिका, यूके, तुर्की, दक्षिण कोरिया, दक्षिण अफ्रीका, सऊदी अरब, रूस, मैक्सिको, जापान, इटली, इंडोनेशिया तथा 20वें सदस्य के तौर पर यूरोपीय संघ शामिल है। जी-20 की ऑफिशियल वेबसाइट के मुताबिक वैश्विक व्यापार में भी ये संगठन 80 फीसदी की हिस्सेदारी रखता है और करीब दो-तिहाई आबादी का प्रतिनिधित्व करता है।
कब और कैसे हुई जी20 की शुरुआत?
साल 1999 से पहले एशिया एक आर्थिक संकट से गुजर रहा था। इसी को ध्यान में रखकर जर्मनी में जी 8 देशों की बैठक का आयोजन हुआ। बैठक के बाद जी20 का गठन किया गया। जी20 बैठक में दुनिया के 20 मजबूत अर्थव्यवस्था वाले देशों के वित्त मंत्री और केंद्रीय बैंक के गर्वनर को बुलाया गया। इस संगठन का उद्देश्य विश्व के समक्ष जो आर्थिक चुनौतियां हैं। उनका आपसी चर्चा से हल निकालना था। हालांकि, साल 2008 की वैश्विक मंदी के बाद देशों के राष्ट्राध्यक्ष भी शामिल होने लगें।
इस तरह करता है जी20 काम
जी20 में दो तरह के समानांतर ट्रैक हैं। इसमें पहला वित्त ट्रैक है और दूसरा शेरपा ट्रैक। वित्त ट्रैक का नेतृत्व वित्त मंत्री और सेंट्रल बैंक के गर्वनर करते हैं। वहीं शेरपा ट्रैक को शेरपा द्वारा नेतृत्व किया जाता है।