India Semiconductor Mission क्या है, जिसके लिए अमेरिका ने की भारत संग बड़ी पार्टनरशिप, चीन की उड़ेगी नींद!

India Semiconductor Mission: भारत और अमेरिका के बीच एक बड़ी डिफेंस-टेक पार्टनरशिप हुई है. अमेरिका ने ये साझेदारी भारत सरकार के ‘इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन’ के तहत की है. आइए जानते हैं कि इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन क्या है?

Update: 2024-09-11 02:53 GMT

India Semiconductor Mission: भारत और अमेरिका के बीच एक बड़ी डिफेंस-टेक पार्टनरशिप हुई है. अमेरिका ने ये साझेदारी भारत सरकार के ‘इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन’ के तहत की है. अब दोनों मिलकर एक धांसू चीज के विकास पर काम करेंगे. वो चीज है सेमीकंडक्टर चिप (Semiconductor) है. इस पार्टनरशिप का मकसद ग्लोबल सेमीकंडक्टर इको-सिस्टम को विकसित करना और इनोवेशन को बढ़ावा देना है. अगर सबकुछ ठीक रहता है तो दुनिया में भारत का डंका बजना और चीन की नींद उड़ना तय है. बता दें आज इलेक्ट्रॉनिक्स से लेकर ऑटोमोबाइल सेक्टर समेत कई सेक्टर में सेमीकंडक्टर चिप्स की डिमांड है. ऐसे में आइए जानते हैं कि इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन क्या है?

पार्टनरशिप को लेकर US ने दी जानकारी

एक इंग्लिश वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार, 'यूएस डिपार्टमेंट ऑफ स्टेट ने एक बयान में कहा कि अमेरिका भारत के इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन के साथ साझेदारी करेगा ताकि 2022 के चिप्स एक्ट के तहत इंटरनेशनल टेक्नोलॉजी सिक्योरिटी एंड इनोवेशन (ITSI) फंड के तहत ग्लोबल सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम को डेवलप करने और उसमें विविधता लाने के अवसरों को पता लगाया जा सके. इस साझेदारी का उद्धेश्य ग्लोबल सेमीकंडक्टर वैल्यू चैन बनाना है. यूएस-इंडिया स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप फोरम इसको लेकर एक्स पर अहम जानकारी दी है.'

INDUS-X Summit में हुई ये साझेदारी

दोनों देशों के बीच यह पार्टनरशिप इंडिया-यूएस डिफेंस एक्सीलिरेशन इकोसिस्टम (INDUS-X) समिट के दौरान हुई. बता दें कि कैलिफॉर्निया में हो रहे इस शिखर सम्मेलन का आज आखिरी दिन है. INDUS-X समिट की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान 21 जून 2023 को थी, जिसका मकसद भारत-अमेरिका स्ट्रेटेजिक एंड डिफेंस पार्टनरशिप को नए मुकाम पर ले जाना था. इस पहल में टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में चीन और रूस के बढ़ते प्रभाव को संतुलित करने पर विशेष ध्यान देने भी है.

पार्टनरशिप से भारत को होंगे कई फायदें

  • इस पार्टनरशिप से भारत के अमेरिका के साथ रिश्ते और मजबूत होंगे. साथ ही सेमीकंडक्टर चिप्स को लेकर उसकी निर्भरता अन्य देशों पर कम होगी. इससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ मिशन को बल मिलेगा.
  • स्पेस सेमीकंडक्टर, एडवान्स्ड टेलीकम्युनिकेशन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्वांटम बायटेक्नोलॉजी और क्लीन एनर्जी जैसे सेक्टर में भारत की प्रगति को बढ़ावा मिलेगा.
  • पार्टनरशिप के तहत भारत और अमेरिका के संयुक्त प्रयास दोनों देशों को डिफेंस सेक्टर में भी फायदा मिलेगा. ऐसा होने से हथियार खरीदने को लेकर भारत की आत्मनिर्भर और बढ़ेगी.
  • बता दें कि सेमीकंडक्टर चिप्स बनाने वाले टॉप 5 देशों में ताइवान, चीन, जापान, साउथ कोरिया और जापान हैं. ऐसे में भारत की पूरी कोशिश है कि वह भी इस दौड़ में शामिल हो.

क्या है इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन?

  • इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन (ISM) को भारत सरकार ने 2021 में लॉन्च किया था. यह पीएम मोदी के भारत को इलेक्ट्रॉनिक्स, मैन्युफैक्चरिंग और सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री का ग्लोबल हब बनाने के विजन को पूरा करने में एक बड़े कदम के रूप में काम करेगा.
  • इस मिशन का मकसद भारत को सेमीकंडक्टर चिप्स मैन्युफैक्चरिंग का हब बनाना है, ताकि आने वाले समय पर इंडियन इकोनॉमी और ऊंचाई को छू रही होगी तो तब उसकी राह में सेमीकंडक्चर चिप्स की कमी रोड़ा नहीं बनेगी.
Tags:    

Similar News