लखनऊ और रायबरेली में सीवर सफाई के दौरान कर्मचारियों की मौत पर योगी सरकार ने सख्त रुख अपनाया है। नगर विकास विभाग ने लखनऊ और रायबरेली में सीवर सफाई के दौरान घटी घटनाओं पर रिपोर्ट मांगी है। अपर मुख्य सचिव नगर विकास रजनीश दुबे ने डीएम रायबरेली और लखनऊ नगर आयुक्त अजय द्विवेदी से घटना की पूरी जानकारी मांगी है। कहा गया कि जो भी दोषी पाया जाएगा उसपर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
आपको बता दें कि सीवर लाइन की सफाई के दौरान लखनऊ और रायबरेली में दो-दो मजदूरों की मौत हो गई थी। लखनऊ के सहादतगंज में 3 मजदूर सफाई के लिए सीवर लाइन में उतारे जहां दो की दम घुटने से मौत गई जबकि तीसरे को गंभीर हालत में एक नजदीक के ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया है।
वहीं, रायबरेली के मनिका रोड पर अमृत योजना के तहत निर्मित सीवर लाइन की सफाई के दौरान दो मजदूरों की मौत हो गई। सूचना मिलते ही प्रशासनिक महकमे में खलबली मच गई। मौके पर जिलाधिकारी, सिटी मजिस्ट्रेट समेत आला अफसर पहुंच गए। करीब डेढ़ घंटे तक चले रेस्क्यू में किसी तरह दोनों को बाहर निकाला गया। उन्हें आनन-फानन में जिला अस्पताल पहुंचाया गया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव ने बताया कि जांच के आदेश दे दिए गए हैं। मामले में जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। शहर में अमृत योजना के तहत सीवर का कार्य चल रहा है। पहले चरण का कार्य लगभग पूरा हो चुका है। अब टेस्टिंग किया जा रहा है।
मंगलवार को सुबह मनिक रोड स्थित सीवर के मेनहोल में उतरकर श्रमिक सफाई कर रहे थे। इसी दौरान जहरीली गैस से दोनों बेहोश हो गए। सूचना मिलते ही जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव, सिटी मजिस्ट्रेट के साथ मौके पर पहुंच गए। करीब डेढ़ घंटे की मशक्कत के बाद एक-एक करके दोनों को बाहर निकाला गया। एंबुलेंस से दोनों को जिला अस्पताल पहुंचाया गया। डा. शिवकुमार ने जांच के बाद दोनों को मृत घोषित कर दिया।
मृतक संजू नागर वृंदावन मथुरा, जबकि दूसरा मृतक जोगेशर राजाखेड़ा राजस्थान का रहने वाला बताया जा रहा है। इस कार्य के लिए शासन से कार्यदायी संस्था जल निगम है। वहीं काम कराने के लिए फर्म घारपूरे इंजीनियरिंग प्राईवेट लिमिटेड को नामित किया गया है।