राम मंदिर मामले ने मुस्लिम पक्षकारों ने दिया नया मोड़
6 अगस्त से अयोध्या मामले की रोजाना सुनवाई शुरू हुई है। रोजाना सुनवाई के तहत हफ्ते में तीन दिन मंगल-बुध-गुरुवार को मामला सुना जाता है. लेकिन गुरुवार को सर्वोच्च अदालत ने फैसला किया कि वह हफ्ते में पांच दिन इस मामले को सुनेगा ।
नई दिल्ली। संविधान पीठ अयोध्या में विवादित 2.77 एकड़ भूमि तीन पक्षकारों-सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लला- के बीच बराबर बराबर बांटने के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सितंबर, 2010 के फैसले के खिलाफ दायर 14 अपीलों पर छह अगस्त से नियमित सुनवाई कर रही है।
अयोध्या भूमि विवाद में सीनियर वकील आर धवन का कहना है कि 'यदि सुनवाई सप्ताह में 5 दिन की है तो यह अमानवीय है और हम अदालत की सहायता नहीं कर पाएंगे। सुनवाई के माध्यम से नहीं पहुँचा जा सकता मुझे यह केस छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। इसपर CJI रंजन गोगोई कहते हैं 'हमने आपकी शिकायत सुनी है, हम आपको जल्द ही सूचित करेंगे।
एक मुस्लिम पक्षकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन ने अदालत को बताया कि एक अफवाह है कि अदालत मामले की सुनवाई के लिए पूरे पांच दिन बैठेगी। वह पांच दिन की सुनवाई पर आपत्ति उठाता है सुप्रीम कोर्ट में राम मंदिर मामले की दिन-प्रतिदिन की सुनवाई का चौथा दिन है
आपको बता दें कि 6 अगस्त से अयोध्या मामले की रोजाना सुनवाई शुरू हुई है। रोजाना सुनवाई के तहत हफ्ते में तीन दिन मंगल-बुध-गुरुवार को मामला सुना जाता है. लेकिन गुरुवार को सर्वोच्च अदालत ने फैसला किया कि वह हफ्ते में पांच दिन इस मामले को सुनेगा ।यानी अगले हफ्ते से ये केस पांच दिन सुना जाएगा. सोमवार को ईद है इसलिए सुप्रीम कोर्ट बंद रहेगा, ऐसे में 13 अगस्त से लेकर 16 अगस्त तक मामला सुना जाएगा. वैसे अब हर हफ्ते सोमवार से शुक्रवार तक केस की सुनवाई अदालत में होगी।
6 अगस्त को इस मामले की सुनवाई शुरू हुई और अभी तक रामलला-निर्मोही अखाड़ा के वकील अपना पक्ष अदालत के सामने रख चुके हैं. सुनवाई के दौरान कई तरह के पौराणिक तथ्यों को अदालत के सामने रखा गया. अयोध्या विवाद की सुनवाई CJI रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली 5 सदस्यीय पीठ कर रही है. इस पीठ में जस्टिस एस. ए. बोबडे, जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस. ए. नजीर भी शामिल हैं।
अयोध्या मामले में अब तक क्या हुआ?
मध्यस्थता पैनल द्वारा मामले का समाधान नहीं निकलने के बाद कोर्ट 6 अगस्त से सुनवाई कर रहा है। यह नियमित सुनवाई तब तक चलेगी, जब तक कोई नतीजा नहीं निकल जाता। मंगलवार को सुनवाई के पहले दिन निर्मोही अखाड़ा ने पूरी 2.77 एकड़ विवादित जमीन पर अपना दावा किया। कहा था कि पूरी विवादित भूमि पर 1934 से ही मुसलमानों को प्रवेश की मनाही है। बुधवार को बेंच ने पक्षकार निर्मोही अखाड़े से संबंधित 2.77 एकड़ भूमि के दस्तावेज पेश करने को कहा था। इस पर अखाड़े ने कहा था कि 1982 में वहां डकैती हुई, जिसमें सभी दस्तावेज खो गए।
शीर्ष अदालत ने राजनीतिक दृष्टि से संवेदनशील अयोध्या प्रकरण में तीसरे दिन की सुनवाई में कहा सुप्रीम कोर्ट के सामने रामलला के वकील ने कहा कि जन्मस्थान को सटीक स्थान की आवश्यकता नहीं है. रामलला के वकील परासरन ने कहा जन्मभूमि बहुत महत्वपूर्ण होती है. राम जन्मस्थान का मतलब है एक ऐसा एरिया जहां सभी की आस्था और विश्वास है। जहां तक हिन्दू देवताओं का संबंध है तो उन्हें कानून में कानूनी व्यक्ति माना गया है जो संपत्ति का स्वामी हो सकता है और मुकदमा भी कर सकता है।
चौथे दिन यानि नौ अगस्त की सुनवाई में रोजाना सुनवाई के तहत हफ्ते में तीन दिन मंगल-बुध-गुरुवार को मामला सुना जाता है. लेकिन गुरुवार को सर्वोच्च अदालत ने फैसला किया कि वह हफ्ते में पांच दिन इस मामले को सुनेगा। इस पर मुस्लिम पक्ष के सीनियर वकील आर धवन का कहना है कि 'यदि सुनवाई सप्ताह में 5 दिन की है तो यह अमानवीय है और हम अदालत की सहायता नहीं कर पाएंगे। सुनवाई के माध्यम से नहीं पहुँचा जा सकता मुझे यह केस छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।