वो कौन सी हॉट सीट होगी जहां राजभर VS राजभर का होगा मुकाबला ?

Update: 2022-01-25 09:10 GMT

यूपी विधानसभा चुनाव 2022 की मतदान की तिथि जैसे जैसे नजदीक आ रही राजनीतिक सरगर्मी जोरो शोर पर चढ़ती जा रही है वही वाराणसी की शिवपुर सीट पर मुकाबला बेहद रोचक हो सकता है। इस सीट से योगी सरकार के मंत्री अनिल राजभर चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के नेता ओमप्रकाश ने भी यहीं से चुनाव लड़ने का फैसला किया है। कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर वाराणसी की शिवपुर विधानसभा सीट से विधायक हैं। ओमप्रकाश राजभर के भाजपा से अलग होने के बाद से अनिल राजभर को ही पार्टी प्रमोट करती रही है।

योगी सरकार की तरफ से अनिल राजभर ही हमेशा ओमप्रकाश राजभर पर हमलावर भी रहते हैं। ऐसे में अब जब ओमप्रकाश राजभर ने भी शिवपुर से उतरने का फैसला किया है तो वाराणसी की शिवपुर सीट, हॉट सीट हो जाएगी। यहां का मुकाबला भी बेहद रोमांचक हो जाएगा। अनिल और ओमप्रकाश एक-दूसरे पर कई आरोप लगाते रहे हैं। ओमप्रकाश राजभर तो यहां तक दावा करते रहे हैं कि 2017 में उनकी वजह से अनिल राजभर को राजभर समाज का वोट मिला और विधायक बने। दोनों में होने जा रहे इस मुकाबले से ओमप्रकाश राजभर के दावों की हकीकत भी सामने आ जाएगी।

2017 में अनिल राजभर पहली बार विधायक चुने गए थे। इस बार भी भाजपा प्रत्याशी के तौर पर शिवपुर विधानसभा से वह मैदान में होंगे। सुभासपा के प्रदेश प्रवक्ता शशि प्रताप सिंह कहते हैं कि शिवपुर विधानसभा में विकास कार्य न के बराबर हुए हैं। बताया जा रहा है कि ओमप्रकाश राजभर ने सुभासपा कार्यकर्ताओं की मांग पर शिवपुर विधानसभा से ही चुनाव लड़ने का फैसला किया है।

बलिया जिले के रसड़ा विकास खंड के रामपुर गांव के मूल निवासी ओम प्रकाश राजभर 2017 के विधानसभा चुनाव में गाजीपुर जिले की जहूराबाद विधानसभा से विधायक चुने गए थे। भाजपा सरकार में वह कैबिनेट मंत्री भी बने, लेकिन बाद में उन्होंने इस्तीफा दे दिया था। पूर्वांचल में सुभासपा अध्यक्ष की सक्रियता लगातार बनी रही। शशि प्रताप सिंह ने कहा कि हमारे नेता वाराणसी से चुनाव लड़ेंगे तो एक बड़ा संदेश जाएगा और यहां के कार्यकर्ता भी उत्साहित रहेंगे। शशि प्रताप सिंह ने बताया कि समाजवादी पार्टी से गठबंधन के तहत वाराणसी में सुभासपा को 2 सीट मिली हैं। इसमें से एक अजगरा और दूसरी शिवपुर है। शशि प्रताप सिंह ने कहा कि भाजपा के झूठ और महंगाई से जनता त्रस्त हो गई है। इसलिए इस बार सपा और सुभासपा गठबंधन की सरकार बनना तय है। समाज के सभी वर्ग के लोगों का समर्थन सुभासपा और सपा अध्यक्ष को मिल रहा है।

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