वैश्विक राजनीति का अद्भुत परिदृश्य
तालीबान और पाकिस्तान के आतंकवादी मारे जाने के बाद अफगानिस्तान की जनता मे संदेश गया कि पंजशीर के साथ कोई बडी ताकत है जो उनकी मदद कर रही है तो जनता भी विद्रोह पर उतर गई। जो बाइडेन के मूर्ख नपुंसक निकलने के बाद अफगानिस्तान की महिलाएं भी इसके बाद सड़को पर उतर आयी।
पकिस्तान आफगानिस्तान में खलीफा बना घुम रहा था , पंजशीर मे तालीबानीयो की मदद के लिए अपनी सेना तक भेज दिया।
परसों रात तालीबानीयो के साथ पाकिस्तानियो को भी पंजशीर घाटी वालों ने नहीं छोड़ा, पंजशीर में पाकिस्तान के रहमानी समेत 4 अधिकारियों सहित 21 सैनिक ढेर हो गए और कई घायल है । मरने वालो की संख्या सैकड़ो मे भी जा सकती है , घायल जवानों को चोरी से MI-17 से ला रहा है ,पाक खुल कर भी नही बोल सकता है। जो सैनिक मरे है उनकी गिनती तालीबानियो मे होगी तालीबानी उनको NRF के बतायेगे मतलब , उनकी लाशें सड़कों पर सड़ेगी।
तालीबान और पाकिस्तान के आतंकवादी मारे जाने के बाद अफगानिस्तान की जनता मे संदेश गया कि पंजशीर के साथ कोई बडी ताकत है जो उनकी मदद कर रही है तो जनता भी विद्रोह पर उतर गई। जो बाइडेन के मूर्ख नपुंसक निकलने के बाद अफगानिस्तान की महिलाएं भी इसके बाद सड़को पर उतर आयी।
दूसरी तरफ भारत क्या कर रहा है , वो देखिए - कल एक हाई लेवल मीटिंग हुई जिसमे प्रधानमंत्री मोदी, राजनाथ सिंह , अमित शाह, अजित डोभाल ,सीडीएस विपिन रावत ने अफ़गानिस्तान तालिबान मुद्दे पर गहन समीक्षा की। उसमे क्या हुआ , किसी को कुछ नहीं पता।
उधर अफगानिस्तान में रात्रि के अन्धेरे मे किसी अज्ञात देश की एयर फोर्स ठोक ठाक के चली गई, इससे अमेरिका और पाकिस्तान के नेताओं की और हवा टाइट हो रखी है।