इंडिया गठबंधन बनाम 14 एंकर्स प्रकरण में पक्ष विपक्ष की दलीलें शुरू, उधर उदयनिधि और ए राजा का मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट
उदयनिधि स्टालिन और ए राजा ने सनातन धर्म को लेकर जब से टिप्पणी की है,तब से ही ये विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है।
विपक्षी एकता के लिए गठित इंडिया गठबंधन द्वारा विपक्षी दलों को 14 टीवी एंकर्स के डिबेट में भाग लेने नहीं लेने संबंधी फैसले से राजनीति और मीडिया में जबरदस्त उफान आ गया। कांग्रेस के पवन खेड़ा ने इंडिया गठबंधन के निर्णय की जानकारी देते हुए बताया की विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया ने नई दिल्ली में अपनी कॉर्डिनेशन कमेंटी की बैठक के में कुछ टेलीविजन एंकरों का बायकॉट करने का निर्णय किया। इसके 14 ऐसे टेलीविजन एंकरों के नाम की सूची भी सामने आ गयी , जिनके शो पर गठबंधन के नेता नहीं जाएंगे। इस सूची की कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने ट्वीट किया था। जिस में सभी 14 एंकर्स के नाम सार्वजनिक किए गए। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि, "रोज शाम पांच बजे से कुछ चैनल्स पर नफरत की दुकानें सजायी जाती हैं।
हम नफरत के बाजार के ग्राहक नहीं बनेंगे खेड़ा ने कहा हमारा उद्देश्य है ‘"नफरत मुक्त भारत’"बड़े भारी मन से यह निर्णय लिया गया कि कुछ एंकर्स के शोज व इवेंट्स में हम भागीदार नहीं बनें। हमारे नेताओं के खिलाफ अनर्गल टिप्पणियां, फेंक न्यूज आदि से हम लड़ते आए हैं और लड़ते रहेंगे लेकिन समाज में नफरत नहीं फैलने देंगे । वहीं दूसरी तरफ बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि, "कांग्रेस के इतिहास में मीडिया को धमकाने और अलग विचार रखने वालों को चुप कराने के कई उदाहरण हैं।पंडित नेहरू ने बोलने की आजादी पर रोक लगा दी और उनकी आलोचना करने वालों को गिरफ्तार कर लिया। इंदिरा जी इसे करने के तरीके में स्वर्ण पदक विजेता बनी हुई हैं - प्रतिबद्ध न्यायपालिका, प्रतिबद्ध नौकरशाही का आह्वान किया और भयावह आपातकाल लगाया।
राजीव जी ने मीडिया को राज के नियंत्रण में लाने की कोशिश की लेकिन बुरी तरह असफल रहे। सोनिया जी के नेतृत्व वाली यू पी ए सोशल मीडिया हैंडल पर सिर्फ इसलिए प्रतिबंध लगा रही थी क्योंकि कांग्रेस को उनके विचार पसंद नहीं थे। राजनीति से जुड़े नेताओं ने ही नहीं कई वरिष्ठ पत्रकारों में भी इस को लेकर टिप्पणियां सामने आने लगी है। रवीश कुमार ने अपने एनडीटीवी के कुछ उदाहरण भी दिए है।
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उधर सनातन धर्म के विपरीत उदय निधि की एक टिप्पणी के विरोध में सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है। उदयनिधि स्टालिन और ए राजा ने सनातन धर्म को लेकर जब से टिप्पणी की है,तब से ही ये विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है।
सनातन धर्म को लेकर उदयनिधि स्टालिन और ए राजा के बयानों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है. इस याचिका को चेन्नई के रहने वाले एक वकील ने दायर किया है।डीएमके नेता और तमिलनाडु सरकार में मंत्री उदयनिधि ने सनातन धर्म की तुलना डेंगू, मलेरिया से की थी। इसके बाद डीएमके सांसद ए राजा ने सनातन धर्म की तुलना एचआईवी से कर दी।दोनों नेताओं के इन बयानों से बीजेपी उन पर पूरी तरह से हमलावर है।
वहीं, चेन्नई के एक वकील ने अपनी याचिका में उदयनिधि और ए राजा पर एफआईआर करने की मांग की है। इसमें कहा गया है कि डीएमके नेताओं को ऐसे बयान देने से रोका जाए साथ ही तमिलनाडु में सनातन धर्म के खिलाफ हो रहे कार्यक्रमों को यह असंवैधानिक करार दिया जाए।याचिका में कहा गया है कि इस बात की जांच हो कि कहीं इस तरह के लोगों को सीमा पार से फंडिंग तो नहीं मिल रही है इन नेताओं के लिट्टे से संबंध की भी जांच हो। कुल मिलाकर देश में वर्तमान मे यह दोनों विषय बहस का मुद्दा बने हुए है।