एक गीत.....
मेरी अगर अस्थियां बीनो
बड़े ध्यान से इन्हें देखना
इनसे लिपटे तुमको मेरे
कई अधूरे गीत मिलेंगे !!
मैंने तो पूरी निष्ठा से
इनके ताने बाने पूरे
ये इन गीतों कीकिस्मत थी
जो फिर भी रह गए अधूरे
अब ये जैसे हैं जितने हैं
तुम सब इन्हें सुरक्षित रखना
युगों युगों तक जन्म मरण की
यही निभाते रीत मिलेंगे !!
मेरी अगर अस्थियां बीनो..........
इन गीतों को सुनो! अस्थियों
साथ विसर्जित मत कर देना
मेरा चित्र जहां पर टांगो
इनको वहीं कहीं धर देना !!
समय मिला तो इनको आकर
किसी रोज़ पूरा कर दूंगा
इन गीतों की मुट्ठी में ही
तुम्हें नए संगीत मिलेंगे !!
मेरी अगर अस्थियां बीनो ...…..
सुनो! बीनते रोना भी मत
अक्षर गीले हो जायेंगे
सभी अंतरे कसे हुए हैं
वो सब ढीले हो जायेंगे !!
इनसे छेड़छाड़ मत करना
इनको ज्यों का त्यों रख देना
आगे चलकर इनसे तुमको
रफ़ी और जगजीत मिलेंगे !!
मेरी अगर अस्थियां बीनो...........
- गुनवीर राणा