साहित्य: अलीफा रिफत का स्त्री विमर्श

इनकी कहानियां सेक्स, विवाह, हस्तमैथुन, प्रेम, किशोर गर्भावस्था, विधवापन जैसे विषयों पर भी प्रकाश डालती हैं

Update: 2021-10-29 12:59 GMT

 वरिष्ठ उर्दू साहित्यकार शारिक रब्बानी, बहराईच (उत्तर प्रदेश)

अलीफा रिफत अरब जगत और मिस्र की एक बेबाक मुस्लिम लेखिका थी। जिनका जन्म 5 जून 1930 को मिस्र के काहिरा शहर मेें हुआ था। कहानी लेखन में इन्हें रूचि बचपन से ही थी तथा विवाह हो जाने के बाद भी इन्होंने लेखन का कार्य जारी रखा।

अलीफा रिफत ने अपना पूरा साहित्यिक कार्य अरबी भाषा में किया।अरब देश जहां कठोर कानून है और मुस्लिम महिलाओं के लिये कठोर पाबंदीयाँ हैं इस बेबाक अरब मुस्लिम महिला ने अरबी महिलाओं को अपने अधिकारों के लिये बोलने का हौसला दिया ।

अलीफा रिफत की कहानियों में पितृसत्तात्मक समाज में पाई जाने वाली समस्याओं का उल्लेख है और अलीफा रिफत की विवादास्पद लघु कथाएं  स्त्री कामुक्ताा, रिश्तों की गतिशीलता के चित्रण के लिये प्रसिद्ध है। अलीफा रिफत ने मुस्लिम विशेष कर अरब समाज की महिलाओं से जुुड़े मुद्दों पर खुलकर अपनी प्रतिक्रिया की है जिसे मुस्लिम महिलाएं समाज व शर्म की वजह से चुपचाप सहन करती हैैं। अलीफा रिफत के साहित्य मेेंं  स्त्री विमर्श  की प्रमुखता है। इनकी कहानियां सेक्स, विवाह, हस्तमैथुन, प्रेम, किशोर गर्भावस्था, विधवापन जैसे विषयों पर भी प्रकाश डालती हैं।


अलीफा रिफत की कहानियां दूर का दृश्य, बहिया की आँखें आदि हैं अलीफा रिफत की रचना कौन आदमी हो सकता है? विवादित होने के कारण मिस्र के सटोरो में नहीं बिक सकी। इन्होंने फिरौन का गहना और कई उपन्यास भी लिखे हैं।अलीफा रिफत ने मुस्लिम समाज में सम्भोग की स्थिति पर खुलकर प्रतिक्रिया की है। अलीफा रिफत अपनी आत्मकथा में लिखती हैैं कि, पुरूषों और महिलाओं को केवल एक स्थिति में सम्भोग में भाग लेने की आवश्यकता होती है ताकि संभोग सुख प्राप्त किया जा सके। अलीफा रिफत ने सेक्स जैसे मुद्दे पर ऐसे लेख लिखे हैं जो समाज को आईना दिखाने के लिए र्प्याप्त हैैं और महिलाओं के लियें अपनी समस्याओं और अधिकारो के प्रति जागरूक रहने के प्रेरणा स्रोत भी।

अलीफा रिफत का देहांत 1 जनवरी सन्1996 को काहिरा, मिस्र में हुआ था। 

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