आपस मे मिलकर सुलझा लो जो भी मसले हैं सभी मामूली बातों पर तकरार नहीं करते : गज़ल
आपस मे मिलकर सुलझा लो जो भी मसले हैं
सभी मामूली बातों पर तकरार नहीं करते
सब्र बहुत मीठे फल देता है पर मत भूलो
अक्सर तनहा रह जाते हैं वो लोग इज़हार नहीं करते
आप इश्क के पेचो गम क्या हमें सिखाएंगे
या तो हम जाँन दे देते हैं या प्यार नहीं करते
ग़र अपनी पर आ जायें तो आग लगा दें हम
पर हम अपने ज़ज्बों को सरे बाज़ार नहीं करते
दुनियाँ भर की दुनियाँदारी आती है हमको
बस हम अपनी चाहत का व्यापार नहीं करते
इश्क हमें रुसवा कर देगा वाकिफ हैं हम भी
पर हम ये कैसे कह दें के हम प्यार नहीं करते
खूब निभाना आता है सब रिश्तों को हमको
हम मर भी जायें तो भी कम प्यार नहीं करते
जान वफ़ा में दी कोई एहसान किया है क्या
छोटी मोटी बातों का आभार नहीं करते
इतनी आसां होती मोहोब्बत तो हर कोई कर लेता
इश्क वफ़ा ऐ मोहोबत कभी हर बार नहीं करते
अपनो ने ही अपना कहकर लूट है हमको
हम भी लूटते रहते पर इंकार नही करते
जज्वा इश्क़ का खून में होता है,तुम इतना तो समझो "Gst"
वर्ना प्यार और इश्क़ मोहोब्बत का आपसे इजहार न करते ।।
- ✍️गौरव सिंह तोमर(GST)
🙏शुभ प्रभात🌈