पीएम केयर्स फंड का विचित्र फंडा

अगर यह प्राइवेट फंड है तो इसकी मॉनिटरिंग से लेकर अदालत के मामलों तक में PMO के अधिकारी क्यों जा रहे है ??

Update: 2021-09-24 13:41 GMT

--------------------------------------------

दिल्ली हाईकोर्ट में पीएम केयर फंड पर केस की सुनवाई के दौरान PMO के बड़े अधिकारी प्रदीप कुमार श्रीवास्तव ने कोर्ट को बताया, "पीएम केयर फंड भारत सरकार का फंड नहीं है, इसे RTI के तहत नहीं लाया जा सकता।"

अब सवाल यह है कि :

1. अगर यह भारत सरकार का फंड नहीं है तो इसके साथ प्रधानमंत्री शब्द क्यों जुड़ा हुआ है ?? इसका नाम मोदी केयर फंड टाइप का कुछ होना चाहिए था।

2. अगर यह भारत सरकार का फंड नहीं है तो सरकारी कर्मचारियों की सैलरी काट कर इस फंड में क्यों डाली गयी ??

3. अगर यह प्राइवेट फंड है तो सरकारी संस्थानों ने इसे चंदा क्यों दिया ?? क़ानूनन सरकारी संस्थान किसी प्राइवेट फंड को चंदा नहीं दे सकते।

4. अगर यह प्राइवेट फंड है तो इसकी वेबसाइट पर gov.in क्यों लिखा है ?? क्या कोई भी प्राइवेट फंड अपनी वेबसाइट के लिए इस प्लैट्फ़ॉर्म को इस्तेमाल कर सकता है ??

5. अगर यह प्राइवेट फंड है तो इसकी मॉनिटरिंग से लेकर अदालत के मामलों तक में PMO के अधिकारी क्यों जा रहे है ??

सवाल हज़ारों हैं लेकिन जवाब नदारद ! अगर नीयत साफ़ होती तो पहले से मौजूद प्रधानमंत्री राहत कोष में चंदा माँगा जाता, पर वहाँ तो हिसाब देना पड़ता, RTI के जवाब देने पड़ते, इसलिए एक अलग फंड बना लिया और अब हिसाब देने से भाग रहे हैं। वैसे हमने आज तक किसी ईमानदार आदमी को हिसाब देने से घबराते हुए नहीं देखा।

- Udbhrant Sharma

Tags:    

Similar News