इंटरनेट रणबांकुरों के आ गए बुरे दिन, एक के बाद एक राज्यों से होने लगी धरपकड़
झूठ, धार्मिक नफरत और अफवाह फैलाने वालों को निशाने पर लिया पुलिस ने
लगता है सोशल मीडिया और व्हाट्सएप के रणबांकुरों के दिन अब बुरे आ गए हैं। धर्म या देशभक्ति की आड़ में झूठ, नफरत और अफवाह फैलाकर लोगों से गालीगलौज करने या उन्हें धमकियां देने वाले इंटरनेट रणबांकुरे गैर भाजपा सरकार वाले प्रान्तों में तो दबोचे ही जाने लगे हैं, अब भाजपा शासित प्रान्तों में भी पकड़े जाने लगे हैं। इसकी वजह यह है कि बड़ी तादाद में अब आम लोग भी फेक या असली प्रोफाइल से ऐसी हरकतें करने वाले लोगों के खिलाफ पुलिस या साइबर सेल में मुकदमे दर्ज कराने लगे हैं।
ताजा मामला, यूपी के गाजीपुर जिले का है। यहां एक ऐसे ही रणबांकुरे ने जब अपने सोशल मीडिया प्रोफाइल का इसी तरह से इस्तेमाल किया तो लोगों की शिकायत पर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर किया। मामला दरअसल यह है कि ट्विटर पर एक हैंडल है पवन कुमार पांडे का। इनके इंट्रो में 'भक्त महादेव का' 'देशभक्त' 'प्यार हिंदुत्व से' 'कर्तव्यनिष्ठ योग्य छात्र' लिखा हुआ है।
इनके ट्विटर से गालियों, धार्मिक नफरत से भरी झूठी पोस्ट और अफवाहों की भरमार देखकर लोगों ने पुलिस में रिपोर्ट कर दी। यूपी पुलिस को मामले में संज्ञान लेने की अपील हुई और गाज़ीपुर पुलिस ने संज्ञान ले भी लिया। इसके बाद शादियाबाद थाने की पुलिस पवन कुमार पांडे को गिरफ़्तार कर लाई।
अब पुलिस के हत्थे चढ़ने के बाद जैसे सभी इंटरनेट रणबांकुरे करते हैं, वैसे ही इन्होंने भी किया और अब अपने ही प्रोफाइल से हर किसी से खुद को माफ कर देने की गुहार लगा रहे हैं। इनसे पहले छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक इंटरनेट शिखंडी यानी निशा जिंदल के नाम से बने महिला प्रोफाइल में छिपे पुरुष रवि पुजार को भी इन्हीं आरोपों पर जेल भेजा था। इसी तरह महाराष्ट्र में शिव सेना व कांग्रेस सरकार के मुखिया उद्धव ठाकरे ने भी विनय दुबे और एक बड़े टीवी चैनल के पत्रकार को अफवाह, झूठ और धार्मिक नफरत फैलाने के आरोप में जेल की हवा खिलाई थी।
कुल मिलाकर यह कि इंटरनेट पर बहादुरी दिखा कर देश का माहौल खराब करने व कानून व्यवस्था को खतरे में डालने वाले सींकिया रणबांकुरों के दिन अब दिन-ब-दिन खराब ही होते जा रहे हैं...