विपक्ष के जमावड़े का तख्ता पलट, मुज्जफरनगर में पहला खुला नंगा प्रयास था और कांग्रेस इस में न खुल के सामने आ पाई ना छुपी हुई रह सकी। अजित सिंह के बेटे जयंत चौधरी को भी आज घमंड भूल कर अपने दो कौड़ी के कार्यकर्ता "राकेश टिकट " के साथ मंच सांझा करना पड़ा। कांग्रेस पहली बार अपने को राजनीती से थूका हुआ महसूस कर रही है ....
ट्वीट कर के टाइम पास हो रहा है,रैली में दावा लाखो का था लेकिन बाद में हज़ारो तक ही सिमट कर रह गयी ।राकेश टिकट ने आज पूरी तरह लोगों को भड़काने की पुरजोर कोशिश की लेकिन दाल गली नही । बस नकटाई में " अल्हा हु अकबर " बोल बैठे लगातार कई बार मुसलमान वोटर की जूठन चाटने के चक्कर में चौधरी चरण सिंह ने संघर्ष किया अजित सिंह का धंधा दलबदल करके चलता रहा
अब जयंत चौधरी की दुकान बंद है ,वैसे भी ये नेता नही है बल्कि विदेशों में घूम घाम के अब हरामखोरी करके जबरदस्ती नेता बनना चाह रहा है। समाजवादी पार्टी को जाट वोट नहीं देगा ,क्योंकि जाटों को 2011 से लेकर 2017 का काला चेहरा याद है जब समाजवादी गुंडों ने जाटों का जीना हराम कर दिया था
समाजवादी या कांग्रेस सत्ता में आती है तो मुसलमान जाट को मुर्गे की तरह काटेगा ।खोफ्फ़ मुसलमान और जाट में दोनों में है। बीजेपी का प्रशासनिक तरीका और अपराध पर जीरो टॉलरेंस जनता खुल कर बताती नही थकती। योगी का गुंडों ,अपराधियों ,अवैध कारोबारियों ,जमीन पर अवैध कब्जे वालो पर कानून का डंडा सबको दिख रहा है और यही सुशासन योगी को वोट दिलवाएगा
तीन कानून गलत क्यों है ? कोई नेता नही बता सकता उल्टा बुरी तरह से जनता को गुमराह करने की कोशिश करते हैं इस बारे किसी भी किसान नेता ने नहीं बताया शायद कुछ बताने लायक है ही नहीं ।
जनता को अब समझ में आने लगा है कि मोदी की जनता में प्रसिद्धि देख कर विपक्ष खुन्नस में रो रहा है और किसी न किसी तरीके से गृहयुद्ध या दंगे की कोशिश में लगा है किसान नेताओ की दिक्कत ये भी है के उनकी औकात चुनाव जीतने की नहीं है। और अब बीजेपी के खिलाफ वोट किसको डलवाये ??? ये भी एक धरम संकट है
चारो तरफ नजर दौड़ाने पर यूपी की जनता को सिर्फ और सिर्फ बीजेपी ही दिखती है जो उनको अच्छा शासन और भय मुक्त ,अपराध मुक्त माहौल दे सकती है ।
- अज्ञात