मोहम्मद रफ़ी के दुखद निधन का समाचार था. मैं यह समाचार पढ़ कर अचंभित रह गया :
आज मोहम्मद रफी साहब की पुण्यतिथि
जुलाई ३१, १९८०.
उस दिन मैं कार्यालय में था, नौकरी पर. मेरी रात की नौकरी थी. पहले संस्करण को प्रेस में छपने के लिए भेजने की तैयारी लगभग पूरी होने को आयी थी. मुख्य उप-सम्पादक पृष्ठ बनाने नीचे गए हुए थे, मैं ऊपर बैठकर टेलीप्रिंटर पर आने वाले समाचारों को देख रहा था कि अचानक एक "न्यूज़ फ़्लैश" आया, जिसमें पार्श्व गायक मोहम्मद रफ़ी के दुखद निधन का समाचार था. मैं यह समाचार पढ़ कर अचंभित रह गया. जैसे ही थोड़ी और जानकारी आयी, मैंने तुरंत एक छोटा-सा समाचार बना लिया और उसे लेकर नीचे दौड़ गया. प्रथम पृष्ठ प्रेस में जाने ही वाला था कि उसे रोक दिया गया और रफ़ी साहब जी के निधन के समाचार को कंपोज़ करवाकर पृष्ठ पर प्रमुखता से लगा दिया.
आज रफ़ी साहब जी की ४१वीं पुण्यतिथि पर उन्हें सादर नमन एवं प्रणाम.
- Naresh Dudani ( वरिष्ठ पत्रकार)