यह जो बीच में उकडू मारकर जमीन पर बैठा है न वही इस देश के लोकतंत्र का राजा है।
यह जो बीच में उकडू मारकर जमीन पर बैठा है न वही इस देश के लोकतंत्र का राजा है।
उसी के वोट से सरकार बनती है, फिर वही सरकारें मंहगी सैलेरी, संपूर्ण सुख सुविधा पानेवाले नौकर पालती है जो इसी 'राजा' की सेवा करने के लिए नियुक्त होते हैं।
फिर जब राजा द्वारा नियुक्त किये गये नौकर का राजा से आमना सामना होता है तो फिर ऐसी तस्वीर निकलकर सामने आती है।
लोकतंत्र ने कैसे कैसे आदर्शवादी पाखंड रच रखे हैं। लेकिन सच्चाई तो वही है जो इस तस्वीर में दिख रही है।
यह चित्र अमेठी जिले के तिलोई में आयोजित संपूर्ण समाधान दिवस का है। जहां तंत्र ऊपर है लोक नीचे। जनता ध्यान दें चुनाव में यही लोग देवतुल्य कहलाये जाते हैं।
जबकि आज़ादी के अमृत महोत्सव की तस्वीर अमेठी की है… सम्पूर्ण समाधान दिवस में एक फ़रियादी ज़मीन पर बैठा दिख रहा है..
डीएम अमेठी कह रहे हैं कि पत्रकार ने ज़मीन पर बैठा कर फ़ोटो लेकर वायरल किया है… लगता है असलियत दिखाने वाले पत्रकार पर कार्यवाही की भूमिका बनाई जा रही है.
#InfoUPFactCheck: सोशल मीडिया पर कुछ अकाउंट्स द्वारा अमेठी में बुजुर्ग के साथ अशिष्ट व्यवहार की फोटो वायरल की जा रही है।
इस संदर्भ में अमेठी, जिलाधिकारी द्वारा अवगत कराया गया है कि समाधान दिवस के दौरान बुजुर्ग खुद जमीन पर बैठ गए थे, जिन्हें तत्काल कुर्सी पर बैठाया गया।