गिरीश मालवीय
आज मीडिया में खबर है कि इंडोनेशिया में कोरोना से 20 डॉक्टरों की मौत हो गयी इन्होंने चीन की कोरोना वेक्सीन सिनोवेक की दोनो डोज ली थी। यह खबर न्यूयॉर्क टाइम्स ने इंडोनेशियन मेडिकल एसोसिएशन के हवाले से लिखी है जिसे आज भारत के मीडिया ने जमकर उठाया है, चीन की वेक्सीन की खूब लानत मलामत हो रही है.और आज ही वेब पोर्टल में में यह भी खबर आ रही है कि है कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के मुताबिक, भारत में अब तक कोरोना की दूसरी लहर के दौरान 776 डॉक्टरों ने दम तोड़ दिया है.
भारत में 16 जनवरी 2021 से भारत मे टीकाकरण अभियान की शुरुआत से ही सबसे पहले डॉक्टरों - नर्सो ओर अन्य हेल्थवर्कर को ही टीके लगाए गए और दूसरी लहर तो अप्रेल - मई में आई तो इस हिसाब से 776 डॉक्टर की मौत होना तो वाकई बहुत आश्चर्यजनक बात है .......क्योकि वेक्सीन को दरअसल संक्रमण रोकने के लिए नही बल्कि कोरोना से होने वाली मौतों को रोकने के लिए ही कारगर बताया जाता है.
इंडोनेशिया में हुई सिर्फ 20 मौतो पर मीडिया जैसे चीन की वेक्सीन पर सवाल खड़े कर रहा है तो 776 डॉक्टर्स की मौत पर इतनी खामोशी क्यो है ? क्या भारत की मीडिया ने IMA यानी इंडियन मेडिकल एसोसिएशन से यह सवाल कभी पूछा कि कितने डॉक्टरों की मौत कोरोना वेक्सीन की दोनो डोज लेने के बाद हुई हैं......