लोकसेवक का आचरण कैसा हो?
वीडियो में कैद होने के कारण इन दो कलेक्टर की हरकतों से जनता वाकिफ हुई। नहीं तो न जाने कितने आईएएस-आईपीएस अफसरों का अत्याचार जनता सहती रही है।
नवनीत मिश्र
त्रिपुरा के कलेक्टर साहब ने कुछ दिनों पहले पॉवर के नशे में एक सर्जन की बहन की शादी को उजाड़ दिया था। भारी फजीहत हुई। कलेक्टरी से हटना पड़ा। सोशल मीडिया पर वायरल इस घटना से छत्तीसगढ़ के सूरजपुर कलेक्टर ने कोई सबक नहीं लिया।
ये भी कैमरे पर सिंघम बनने निकल पड़े। सड़क पर एक युवक को देखते ही पारा चढ़ गया। थप्पड़ मारा, मोबाइल तोड़ी और पुलिस से पिटवाया। हंगामा मचा, थू-थू हुई तो दोनों कलेक्टरों ने माफी भी मांगी और कार्रवाई भी झेलनी पड़ी।
वीडियो में कैद होने के कारण इन दो कलेक्टर की हरकतों से जनता वाकिफ हुई। नहीं तो न जाने कितने आईएएस-आईपीएस अफसरों का अत्याचार जनता सहती रही है।
मेरा मानना है कि इन दो कलेक्टरों की हरकतों और बाद में माफी वाले वीडियो को ट्रेनी अफसरों की बिहेवियरल ट्रेनिंग का हिस्सा बनाया जाना चाहिए। मसूरी के लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन( LBSNAA) में ट्रेनी अफसरों को ये वीडियो बार-बार दिखाए जाने चाहिए।
यह भी बताए जाए कि ऑन कैमरा सिंघम बनने वाले इन अफसरों का बाद में क्या हश्र हुआ? कैसे अपनी ही हरकतों से शंट हुए और जनता में खलनायक अलग से बने। भावी अफसरों को नसीहत मिले कि पॉवर को हमेशा संभालकर रखें। याद रखें, लोकसेवक जनता के नौकर हैं मालिक नहीं?