इंदिरा गांधी की सभा में जब हुआ पथराव, एक ईंट सीधे उनकी नाक पर आकर लगी, खून बहने लगी
कमाल अख्तर
इंदिरा गांधी ने रुमाल से नाक दबाई और अपना भाषण जारी रखा सुरक्षाकर्मी उन्हें हटाना चाहते थे। कांग्रेस के नेता उनसे पीछे आने का अनुरोध कर रहे थे मगर उन्होंने किसी की नहीं सुनी और पूरा भाषण दिया।
यह भुवनेश्वर था 1967 के आम चुनाव सब उनसे वापस दिल्ली चलने को कहते रहे, मगर वे अपने दूसरे कार्यक्रम कोलकाता के लिए रवाना हो गईं वहां भाषण दिया।
उसके बाद जब प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी दिल्ली लौटीं तो डॉक्टरों हैरान हो गए चोट बहुत गहरी थी, बोले आप इतनी देर तक बोलती कैसे रही? सर्जरी करना पड़ेगी सर्जरी हुई!
काले झंडे कई बार दिखाए गए।दिखाने वालों को बुलाकर पूछती थीं क्या समस्या है?
एक बार JNU के छात्र मिलने पहुंचे,बोलीं क्या बात है? तो बताया कि आप के खिलाफ आरोप पत्र है बोली अच्छा सुनाओ और वहीं सीताराम येचुरी ने उन्हें उन्हीं के खिलाफ आरोप पढ़कर सुनाए।