मध्यप्रदेश के बाद अब राजस्थान की बारी: तीन दर्जन असंतुष्ट कांग्रेस विधायक भाजपा के सम्पर्क में

बीजेपी सूत्रों के दावे पर भरोसा किया जाए तो मध्‍य प्रदेश में सीएम कमलनाथ की तरह ही राजस्‍थान में भी मुख्‍यमंत्री अशोक गहलोत की सरकार खतरे में है.

Update: 2020-03-11 13:11 GMT

जयपुर : मध्‍य प्रदेश के बाद कांग्रेस शासित एक और बड़े प्रदेश में राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ने लगी हैं. मुख्‍यमंत्री अशोक गहलोत और उपमुख्‍यमंत्री सचिन पायलट के बीच विधानसभा चुनाव में जीत के बाद से ही कुछ महत्‍वपूर्ण मसलों पर मतभेद रहे हैं. अब भारतीय जनता पार्टी की राजस्‍थान इकाई से जुड़े सूत्रों ने नया दावा कर सबको चौंका दिया है. उनका दावा है कि कांग्रेस के तीन दर्जन असंतुष्‍ट विधायक भाजपा के संपर्क में हैं. बीजेपी सूत्रों के दावे पर भरोसा किया जाए तो मध्‍य प्रदेश में सीएम कमलनाथ की तरह ही राजस्‍थान में भी मुख्‍यमंत्री अशोक गहलोत की सरकार खतरे में है.

सचिन पायलट अब सीएम गहलोत से नाराज!

सूत्रों की मानें तो प्रदेश के उपमुख्‍यमंत्री सचिन पायलट मुख्‍यमंत्री अशोक गहलोत से नाराज चल रहे हैं. बताया जाता है कि पायलट कांग्रेस आलाकमान से गहलोत की शिकायत भी कर चुके हैं. डिप्‍टी सीएम पायलट के अलावा उनके पक्ष के विधायक भी अशोक गहलोत से खफा बताए जाते हैं. हाल ही में विधानसभा में भी पायलट कैंप के कई विधायक गहलोत सरकार पर सवाल उठा चुके हैं. बता दें कि विधानसभा चुनाव के बाद अशोक गहलोत को राजस्‍थान की कमान सौंपने के बाद ही पायलट और उनके बीच तल्‍खी चली आ रही है. इस बीच, बीजेपी के सूत्रों ने राजस्‍थान कांग्रेस के तीन दर्जन असंतुष्‍ट विधायकों के भाजपा के संपर्क में होने का दावा कर दिया है.

यह है विधानसभा का मौजूदा गणित

राजस्‍थान में विधानसभा की कुल 200 सीटे हैं, ऐसे में सरकार बनाने के लिए 101 विधायकों की जरूरत होती है. वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 99 सीटों पर जीत हासिल की थी. सहयोगी और निर्दलीय विधायकों की मदद से कांग्रेस ने आसानी से बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया. दूसरी तरफ, वष 2013 में प्रचंड बहुमत के साथ राजस्‍थान की सत्‍ता में आने वाली BJP को महज 73 सीटें ही मिल सकी थीं. लिहाजा, चुनाव के बाद भाजपा को विपक्ष में बैठना पड़ा. इन दोनों दलों के अलावा बसपा के खाते में 6 और राष्‍ट्रीय दल के हिस्‍से में एक सीट आई थी.

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