अशोक गहलोत अपनी सरकार के काम के सहारे सरकार रिपीट की कौशिश में तो एमपी में कमल नाथ ठाकुर की शरण में!
एक सप्ताह पहले कमलनाथ ने अपने सांसद पुत्र के सानिध्य में बागेश्वर धाम बागेश्वर धाम धीरेंद्र शास्त्री की हनुमान जी की कथा कर रही थी और उसके 5_6 दिन बाद ही कमलनाथ ने उज्जैन पहुंचकर महाकाल महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के दरबार में अर्जी लगाई।
इस वर्ष के अंत में होने वाले विधानसभा के चुनाव को लेकर कांग्रेस के बड़े नेता येन केन प्रकारेण प्रदेश में अपनी सरकार बनाने की जुगाड़ में जुटे हुए हैं। बात करें राजस्थान की जो राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पिछले लगभग 7 महीने से अपनी सरकार के कामकाज के भरोसे सरकार रिपीट होने का दावा कर रहे हैं। इतना ही नहीं उन्होंने इस दौरान राजस्थान के हर वर्ग को किसी न किसी रूप से प्रभावित करने के लिए सौ बातों की बौछार लगा रखी है।
और अगर बात की जाए राजस्थान से जुड़े मध्य प्रदेश की तो मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ इन दिनों धार्मिक आयोजनों मैं व्यस्त हैं और अपनी सरकार बनाने के लिए ठाकुर जी की शरण में है। एक सप्ताह पहले कमलनाथ ने अपने सांसद पुत्र के सानिध्य में बागेश्वर धाम बागेश्वर धाम धीरेंद्र शास्त्री की हनुमान जी की कथा कर रही थी और उसके 5_6 दिन बाद ही कमलनाथ ने उज्जैन पहुंचकर महाकाल महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के दरबार में अर्जी लगाई।
महाकाल के दरबार में कमलनाथ ने अर्जी लगा कर कहा अगर उनकी सरकार बनेगी तो उनकी सरकार की पहली बैठक भी यहीं होगी। दरअसल कमलनाथ श्रावण मास में महाकाल की पूजा अर्चना और दर्शन करने आए थे। कमलनाथ ने भगवान महाकाल की विधि विधान के साथ पूजा अर्चना के साथ ही पालकी को कंधा भी लगाया। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि मध्य प्रदेश में घोटाले की सरकार चल रही है। इसी वजह से उन्होंने भगवान महाकाल को एक पत्र सोपा जिस में कमलनाथ
ने यह प्रार्थना की है कि मध्य प्रदेश की भ्रष्ट और घोटाले की सरकार का अंत हो जाए और अगर कांग्रेस की सरकार बनेगी तो पहले कैबिनेट की बैठक महाकाल लोक में की जाएगी ताकि भगवान महाकाल के आशीर्वाद से कांग्रेस की सरकार अपना कार्यकाल सफलतापूर्वक पूर्ण कर सके। चर्चा है की शायद गहलोत भी कोई बड़ी कथा करा सकते है। जिस ने धीरेंद्र शास्त्री का नाम चर्चा में है। देखने वाली बात यह होगी की कमल नाथ का अगला पड़ाव कहां होगा और क्या कमलनाथ की तरह राजस्थान में भी ऐसा ही कुछ अनूठा धार्मिक आयोजन होगा।