राजस्थान में अब तक 2 हजार 262 कोरोना मरीज मिल चुके हैं, इनमें से 744 ठीक हुए। भले ही संक्रमितों के मामले में राजस्थान देश में चौथे स्थान पर है। लेकिन यहां के तीन जिलों को छोड़कर बाकी जिलों का रिकवरी रेट दुनिया और देश के औसत से कहीं अच्छी है। देश में मरीजों के ठीक होने की दर 23.4 फीसदी है, वहीं राजस्थान का रिकवरी रेट 32.89 फीसदी है। बीकानेर में सबसे ज्यादा 97.29 मरीज ठीक हुए हैं।
वहीं, जयपुर की रिकवरी रेट भी नेशनल औसत से 6 फीसदी ज्यादा है। जैसलमेर की 85.71 फीसदी है, भीलवाड़ा की 85.71 और झुंझुनूं की 95.23 फीसदी है। जो देश के तीन गुना से ज्यादा है। इस लिहाज से कहें तो राजस्थान के लोगों की रोग से ठीक होने की क्षमता देश और दुनिया से काफी बेहतर है।
सुखद खबर: जयपुर में एक दिन में 192 डिस्चार्ज
जयपुर में सोमवार को 192 लोगों को डिस्चार्ज कर दिया गया। इनकी कोरोना रिपोर्ट लगातार दो बार निगेटिव आ चुकी है। अब तक किसी जिले में इतनी बड़ी संख्या में लोगों को डिस्चार्ज नहीं किया गया। चार दिन पहले तक जयपुर में केवल 6 लोगों को डिस्चार्ज किया गया था। रविवार रात तक जयपुर में केवल 52 लोग को डिस्चार्ज किया गया था। अब 244 ठीक हो चुके हैं।
रतनपुर बाॅर्डर पर रोडवेज ने लगाईं 100 से अधिक बसें
दूसरी ओर, दूसरे राज्यों में फंसे लोगों को लाने के लिए गहलोत सरकार ने प्रयास शुरू कर दिए हैं। गुजरात में फंसे राजस्थान के लोगों को सुरक्षित उनके घर पहुंचाने के लिए सोमवार को रतनपुर बॉर्डर पर 100 बसें लगाई गईं। गुजरात परिवहन की बस में आने वाले लोगों की बॉर्डर पर स्क्रीनिंग की जाएगी। इसके बाद रतनपुर में खड़ी डिपो की बसें प्रदेश के अलग-अलग जिलों के लिए रवाना होंगी। अजमेर में राेडवेज मुख्यालय ने ब्यावर डिपो को हब बनाया है। जिले में 1237 प्रवासी मजदूरों सहित अन्य को उनके प्रांत की सीमा तक छोड़ने की व्यवस्था की गई है।